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दंगल में छाए हरियाणा के धाकड़ छोरे-छोरियां

जागरण संवाददाता, अंबाला : भारत केसरी दंगल में हरियाणा के धाकड़ छोरे और छोरियों न

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 12:45 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 12:45 AM (IST)
दंगल में छाए हरियाणा के धाकड़ छोरे-छोरियां
दंगल में छाए हरियाणा के धाकड़ छोरे-छोरियां

जागरण संवाददाता, अंबाला :

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भारत केसरी दंगल में हरियाणा के धाकड़ छोरे और छोरियों ने आखिरी दिन तक दबदबा बनाए रखा। 10 भारत केसरी में से चार भारत केसरी हरियाणा के छोरे और छोरियां बनीं। इनमें रितु फोगाट, जितेंद्र, पूजा डांढा और मौसम खत्री शामिल हैं। खास बात यह है कि 63 किलोग्राम भार वर्ग में जीतने वाली रेलवे की रितु मलिक भी हरियाणा से ही हैं। इसी तरह मौसम खत्री का डटकर मुकाबले करने वाले रेलवे के पवन भी हरियाणा के सोनीपत से ही हैं। लड़कियों के पांच अलग-अलग भारवर्ग में हरियाणा की सभी छोरियों ने फाइनल में जगह बनाई थी। इनमें से दो हरियाणा की जीत तो दो रेलवे की। यूपी की एक पहलवान ने जीत दर्ज की। लड़कों के मुकाबले की बात करें तो हरियाणा के तीन धाकड़ फाइनल तक पहुंचे। इनमें से दो जीत गए। इसी तरह उप्र के एक व रेलवे के दो पहलवानों ने जीत दर्ज की। रेलवे के जिन दो पहलवानों ने जीत दर्ज की उनमें बजरंग व पवन शामिल हैं दोनों हरियाणा के ही हैं।

फोटो संख्या: 83, 84

हारकर भी लोगों का दिल जीत गए कृष्ण पहलवान, दी खत्री को टक्कर

रेलवे की ओर से खेलने वाले सोनीपत के पहलवान कृष्ण बेशक तीन-शून्य से हार गए लेकिन कृष्ण ने हारकर भी लोगों को दिल जीत लिया। क्योंकि मैच आखिरी छह मिनट तक चला। कांटे की इस टक्कर में कृष्ण ने खत्री के पसीने छुड़ा दिया। एक मात्र कृष्ण ही वह पहलवान है जिसने पूरे दंगल के दौरान खत्री के पसीने छुड़ाए हों। हैरत की बात यह है कि अभी तक के दंगल में कोई भी पहलवान खत्री के सामने एक मिनट भी नहीं टिक पाया था लेकिन कृष्ण ने आखिर तक लड़ाई लड़ी। बेशक कृष्ण हार गया लेकिन एक मिनट भी ऐसा नहीं लगा था जब कृष्ण को थकावट महसूस हुई हो लेकिन खत्री पूरी तरह से थक चुका था। कृष्ण का नाम उन पहलवानों में शामिल है जिसने वर्ष 2016 में महाबली खली को मुकाबला लड़ने की चुनौती दी थी। भारत केसरी दूसरे बने मौसम खत्री ने कहा कि इस जीत से उसे काफी खुशी मिली है और जिस अंदाज में वह खेलते हैं। उस अंदाज में ही वह ओलंपिक में खेलेंगे। उसका अगला लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इस तरह की गेम्स से पहलवानों का हौसला बढ़ता है। प्रदेश सरकार खेल को बढ़ाने देने के प्रयास सकारात्मक है।


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