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सामुदायिक केंद्र के पांच हजारी कमरे में कामर्शियल क्लास, लाखों की कमाई

उमेश भार्गव, अंबाला महिलाओं की योग कक्षा चलाने के लिए छावनी के हाउ¨सग बोर्ड में दो घंट

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 May 2017 12:53 AM (IST)Updated: Mon, 29 May 2017 12:53 AM (IST)
सामुदायिक केंद्र के पांच हजारी कमरे  में कामर्शियल क्लास, लाखों की कमाई
सामुदायिक केंद्र के पांच हजारी कमरे में कामर्शियल क्लास, लाखों की कमाई

उमेश भार्गव, अंबाला

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महिलाओं की योग कक्षा चलाने के लिए छावनी के हाउ¨सग बोर्ड में दो घंटे के लिए महिलाओं ने एक हाल पांच हजार रुपये मासिक किराए पर ले लिया, लेकिन नौ से इस कमरे में योग की जगह एरोबिक कक्षाएं चलती रही और नगर निगम अधिकारी आंख मूंद कर सोते रहे। चालक कंपनी संचालक ने कुछ दिनों तक यहां पर महिलाओं की योग कक्षाएं चलाई लेकिन इसके बाद दिनभर यहां एरोबिक कक्षाओं के साथ डांस कक्षाएं शुरू कर दी गई। एक दो नहीं पूरे नौ माह से सामुदायिक केंद्र कामर्शियल गतिविधियों का केंद्र बना रहा और नगर निगम के न तो किसी कर्मचारी न ही किसी अधिकारी ने इस मामले की कोई सुध लेनी लाजमी समझी। पूरे मामले की शिकायत चौकीदार ने जब नगर निगम कार्यालय में की तो नींद से जागे अफसरों ने दो दिन पहले नोटिस थमाकर अपना दामन पाक कर लिया। लेकिन कोई यह पूछने वाला नहीं है कि इतने दिन तक चली कामर्शियल कक्षाओं के लिए उक्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं कराई गई।

दरअसल, नवंबर 2016 में अपनी पहुंच का फायदा उठाकर एक व्यक्ति ने महिलाओं को योग कराने के नाम पर उनके फर्जी हस्ताक्षर कराकर सामुदायिक केंद्र सुबह दो घंटों के लिए किराए पर ले लिया। इसके लिए पांच हजार रुपये मासिक किराया तय हो गया, लेकिन इस व्यक्ति ने यहां पर सुबह शाम कक्षाएं चलानी शुरू कर दी वह भी योग नहीं बल्कि एरोबिक क्रियाएं और डांस कक्षाएं। इसके लिए लोगों से हर माह हजारों रुपये फीस वसूलकर लाखों रुपये की कमाई का सिलसिला अभी तक जारी है। अभी भी नियमित रूप से यहां डांस कक्षाओं के साथ-साथ एरोबिक क्रियाओं की ट्रे¨नग दी जा रही है। इतना ही नहीं जगह-जगह इन डांस कक्षाओं के होर्डिंग व बैनर भी लगवाए गए हैं फिर भी निगम अफसर मौन हैं।

निगम ने भेजा 62 हजार का नोटिस, एफआईआर की नहीं सिफारिश

नगर निगम कार्यकारी अधिकारी की ओर से अब एक व्यक्ति को पिछली सारी 62 हजार 500 रुपये की राशि चुकता करने का नोटिस भेज दिया गया है। नोटिस भी लिखा है कि कमरा दो घंटे के लिए पांच हजार रुपये मासिक किराये पर लिया गया था लेकिन इसमें तीन घंटे छोड़कर दिनभर कक्षाएं चलती हैं जिसका किराया 15 हजार बनता है। इसीलिए 31 मई तक का पिछला बकाया किराया 62 हजार 500 रुपये 30 मई तक जमा कराया जाए अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अहम बात यह है कि सामुदायिक केंद्र का कामर्शियल गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने पर भी नगर निगम मौन क्यों है? इस व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज क्यों नहीं कराई जा रही।

फोटो: 02

मामला गंभीर है। इस तरह कोई कैसे सामुदायिक केंद्र में कमर्शियल कक्षाएं लगा सकता है। नगर निगम कमिश्नर से सोमवार को इस मामले में पूछताछ की जाएगी। जिन लोगों ने ऐसा किया है उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा।

- रमेशमल, मेयर।


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