डेढ़ माह बाद चली सीबीसी मशीन, आज से अल्ट्रासाउंड भी शुरू होंगे
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जिला नागरिक अस्पताल में करीब डेढ़ माह से खराब चल रही सीब
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जिला नागरिक अस्पताल में करीब डेढ़ माह से खराब चल रही सीबीसी मशीन की जगह नई मशीन आ गई है। लिहाजा अब बिना टेस्ट के वापस लौट रहे मरीजों को राहत मिलेगी। गौरतलब है कि जिला नागरिक अस्पताल में करीब सवा लाख रुपये की लागत से मंगाई गई मशीन लंबे समय से खराब चल रही थी। इसी कारण कंप्लीट ब्लड टेस्ट नहीं हो रहे थे। मजबूरी में मरीजों को बाहर से 150 से लेकर 250 रुपये तक में यह टेस्ट कराने पड़ रहे थे। मशीन को कई बार कंपनी के इंजीनियर ने ठीक किया उसके पार्ट भी बदले लेकिन एक दिन चलने के बाद यह फिर बंद हो जाती थी। समस्या विकराल होने के बाद कंपनी ने उस मशीन को उठाकर उसकी जगह पर दूसरी मशीन रख दी। जब तक पुरानी मशीन ठीक होकर नहीं आएगी तब तक इसी मशीन से जिला नागरिक अस्पताल में इसी मशीन से मरीजों के टेस्ट होंगे। वहीं दूसरी ओर दो दिनों से बंद पड़ा अल्ट्रासाउंड कक्ष भी शुक्रवार को खुल जाएगा। एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट डॉ. विजय वर्मा दो दिनों से अवकाश पर हैं। उनकी जगह किसी दूसरे डाक्टर की उपलब्धता नहीं होने के कारण पिछले दो दिनों से करीब 120 मरीज खाली हाथ लौट गए और उन्होंने प्राइवेट डाक्टरों से अल्ट्रासाउंड कराया।
रोजाना 35-40 मरीजों का होता है सीबीसी
बीमारियों से जूझ रहे ज्यादातर मरीजों को सीबीसी टेस्ट यानी कंप्लीट ब्लड काउंट कराने के लिए डाक्टर लिखता ही है। जिला नागरिक अस्पताल में औसतन 35 मरीजों सीबीसी होता है। इसी टेस्ट के द्वारा किसी भी व्यक्ति में होने वाली कई समस्याओं का पता लगाया जा सकता है, जैसे खून की कमी, संक्रमण या कुछ अन्य बीमारियां।
बिना टेस्ट के बैरंग लौटे मरीज
वहीं दूसरी ओर लैब पर टेस्ट का समय सुबह नौ से 11 बजे निर्धारित किया गया है। लेकिन गड़बड़ाए सिस्टम और मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण रोजाना मरीजों को बिना टेस्ट के ही लौटना पड़ रहा है। बृहस्पतिवार को ऐसे करीब 35 केस थे जिनका टेस्ट नहीं हो सका।
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चार दिनों से लगातार आ रही हूं। टेस्ट के लिए खाली पेट बुलाया था। अब लैब दरवाजा बंद कर दिया है। कल फिर आना पड़ेगा।
पूजा, अंबाला छावनी।
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इस्माइलाबाद से सुबह आठ बजे आ गई थी। पर्ची बनवाने के बाद डाक्टर की लाइन में लगी रही। डाक्टर ने टेस्ट लिख दिए। लेकिन 11 बजते ही लैब का दरवाजा बंद हो गया। अब कल फिर आना पड़ेगा।
रा¨जद्र कौर, इस्माइलाबाद।
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लालडू से दो दिन से लगातार आ रहा हूं। भीड़ होने की वजह से 11 बजे लेबोरेट्री का दरवाजा बंद कर दिया जाता है। सारे टेस्ट भूखे पेट के हैं। जब तक टेस्ट नहीं होते डाक्टर दवाई भी नहीं लिखता।
सोनू, लालडू।
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मशीन कुछ दिनों से खराब चल रही थी। अब कंपनी ने उसे रिपलेस कर दिया है। इसीलिए अब दिक्कत खत्म हो गई है।
डॉ. सीमा, लैब इंचार्ज।