दृष्टिहीन की कंडक्टर से तकरार, साथियों ने छावनी में घेरा
जागरण संवाददाता, अंबाला : रेवाड़ी डिपो की बस में सवार दृष्टिहीन अपनी पत्नी व बच्चों के साथ ल
जागरण संवाददाता, अंबाला : रेवाड़ी डिपो की बस में सवार दृष्टिहीन अपनी पत्नी व बच्चों के साथ लुधियाना से अंबाला आ रहा था। बीच रास्ते में जब कंडक्टर ने टिकट लेने को कहा तो दृष्टिहीन उसका किराया माफ होने की बात कही।
कंडक्टर ने पंजाब में किराया माफ नहीं होने के लिए कहा तो दृष्टिहीन ने पूरे भारत में किराया माफ होने की कही। इसी मुद्दे पर दोनों में ठन गई। दृष्टिहीन ने इस बारे में अपने साथियों को अंबाला में सूचित कर दिया और जैसे ही बस अंबाला पहुंची तो पहले से खड़े दृष्टिहीनों ने बस कंडक्टर को घेर लिया। मामला बिगड़ता देख एसएचओ पड़ाव को मौके पर आना पड़ा। दृष्टिहीनों की मांग थी कि कंडक्टर नशे में है और उसने उनके साथी को बीच रास्ते उतारने तक की कोशिश करते हुए बुरा बर्ताव किया। ऐसे में उस पर कार्रवाई की जाए। एसएचओ भूषण दास के आश्वासन के बाद मामला जाकर शांत हुआ। तब कहीं जाकर बस को आगे रवाना होने दिया।
नीरज भारद्वाज अपनी पत्नी व बच्चों के साथ लुधियाना से रवाना हुआ था। रेवाड़ी डिपो की बस में सवार हुआ। बस के कुछ दूर चलने पर ही कंडक्टर उससे उलझ पड़ा। नीरज के मुताबिक उसे कंडक्टर ने उसकी पत्नी और बच्चों के समने बेइज्जत किया है। जो पहचान पत्र उन्हें मिला है उसे वे कहीं भी यात्रा कर सकते हैं लेकिन कंडक्टर सतीश यह मानने को तैयार नहीं था। जबकि वे हरियाणा रोडवेज में अपनी सुरक्षा समझते हैं। इसके बावजूद कंडक्टर ने उन्हें बीच रास्ते उतारने की कोशिश की। वहीं, बस अड्डा छावनी पर पहुंचे नीरज के साथी रवि कुमार, पुष्पेंद्र पाल, चरण जीत, प्रदीप, नीरज आदि इस जिद पर अड़े रहे कि पुलिस बुरा बर्ताव करने वाले कंडक्टर पर कार्रवाई करें। बाकायदा कंडक्टर का मेडिकल हो। पुलिस के आश्वासन के बावजूद ²ष्टिहीनों ने इस मामले में जीएम रोडवेज को अवगत कराने का निर्णय लिया ताकि आगे से किसी और के साथ ऐसी घटना पेश न आए।