25 हजार सीसीटीवी कैमरों से सुरक्षा व्यवस्था होगी पुख्ता : एडीजीपी
जागरण संवाददाता, अंबाला : जिले में बिगड़ी कानून व्यवस्था को अब जल्द ही ट्रैक पर ला जाएगा। इसके
जागरण संवाददाता, अंबाला : जिले में बिगड़ी कानून व्यवस्था को अब जल्द ही ट्रैक पर ला जाएगा। इसके लिए अगले छह माह के भीतर 25 हजार सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएंगे। इन सीसीटीवी कैमरों को लगाने में सामाजिक संस्थाएं, स्कूल, कालेज, व्यापार मंडल, नगर निगम व खुद पुलिस प्रशासन सहयोग करेगा। एडीजीपी डॉ. आरसी मिश्रा ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में अपनी नई रणनीति का खुलासा किया। दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए डॉ. मिश्रा ने कहा कि सतलुज-यमुना लिंक नहर की खोदाइ के समय अंबाला पुलिस के सामने दो बड़ी चुनौतियां थी। इनसे निपटे बिना कानून व्यवस्था को कायम रख पाना असंभव था। अंबाला पुलिस ने इस चुनौती का डटकर सामना किया। यही कारण रहा कि आपसी तालमेल के चलते मामला शांतिपूर्ण तरीके से निपट गया। दैनिक जागरण ने अंबाला की सुरक्षा व्यवस्था व साइंस कारोबारी दंपती के ब्लाइंड मर्डर को लेकर एडीजीपी के साथ सीधी बातचीत की। दैनिक जागरण के सवालों का आरसी मिश्रा ने कुछ इस तरह से जवाब दिया:-
साइंस कारोबारी दंपती का ब्लाइंड मर्डर पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। पुलिस पर दबाव भी है? क्यों कुछ हाथ नहीं लग पाया?
एसवाईएल निपटारे के बाद यह मेरे लिए भी बड़ी चुनौती है। मेरे आने से पहले यह केस हो चुका है, लेकिन अब मैं खुद इस मामले को देखूंगा।
क्यों पुलिस घर से बाहर नहीं निकल पा रही और शक की सूई नजदीकियों पर ही टिकी है?
ऐसी कई बातें हैं जो पुलिस को नजदीकियों पर शक करने के लिए मजबूर कर रही हैं। पुलिस अपना काम निष्पक्षता से कर रही है। कातिल घर के भीतर का हो या बाहर का फर्क नहीं पड़ता। लेकिन उसे हर हाल में पकड़ना हमारी प्राथमिकता है।
अंबाला की कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है? उसके लिए क्या योजना है।
मैंने हाल ही में पदभार संभाला है। जल्द ही कानून व्यवस्था को फिर से ट्रैक पर लाया जाएगा। हमने कई योजनाएं तैयार कर ली हैं। हम ट्रिपल पी का सहारा लेंगे। यानी पुलिस, प्रेस और पब्लिक। इसी फार्मूले पर चलकर व्यवस्था बनाई जा सकती है।
कोई बड़ी योजना जिसे जल्द अमलीजामा पहनाने की तैयारी हो जिससे कानून व्यवस्था सुधर सके?
अगले छह माह के भीतर हम जिले में 25 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है। इसके लिए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, कारोबारियों, स्कूल, कालेज, नगर निगम का सहयोग लिया जाएगा।
एसवाईएल खोदाई मामले में अंबाला पुलिस कानून व्यवस्था बनाने में कामयाब रही। इसका श्रेय किसे देना चाहेंगे?
निश्चित तौर पर गंभीर मसला था जिसे हमने शांतिपूर्ण तरीके से निपटा दिया। यह हमारी ड्यूटी थी लेकिन इसे शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने में समस्त पुलिस और प्रशासन का सहयोग रहा।
क्या चुनौतियां थी एसवाईएल खोदाई मामले में आपके सामने?
हमारे सामने दो बड़ी चुनौतियां थीं। एक तो इनेलो कार्यकर्ता और दूसरा पंजाब पुलिस। इनेलो कार्यकर्ताओं को रोकने के साथ-साथ कानून व्यवस्था बनाए रखना तो चुनौती थी ही साथ ही पंजाब पुलिस घग्गर नहर के चौथे पिलर यानी अपनी सीमा के पहले छोर पर ही नाका लगाने पर अड़ी थी। तीन पिलर तक हरियाणा की जगह थी। इसमें चुनौती यह थी कि चौथे पिलर पर यदि पंजाब पुलिस नाका लगा देती तो इनेलो कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन के समय नहर में गिर भी सकते थे। पंजाब पुलिस वहीं नाका लगाने की बात पर अड़ी थी। हमने डीजीपी पंजाब के साथ इस गंभीर मामले को लेकर बातचीत की और वह मान गए। इसी कारण इनेलो कार्यकर्ताओं को पंजाब में घुसने से पहले प्रदर्शन के लिए बार्डर पर खाली स्थान मिल पाया। साथ ही साथ इनेलो नेता भी संपर्क में रहे उन्होंने भी हमारी बात समझी। इसी कारण मात्र 400- 500 पुलिस कर्मियों के होने के बावजूद हमने स्थिति पर काबू पा लिया।
बाजारों में यातायात व्यवस्था का बुरा हाल है। व्यापार तो चौपट हो ही गया है साथ ही आम जनता भी जाम से जूझ रही है?
निश्चित तौर पर यह समस्या ध्यान में है। इससे निपटने के लिए ई- चालान शुरू करेंगे। बाजारों में अव्यवस्था फैलाने वालों के चालान काटकर घर भेजे जाएंगे। इसके साथ ही पीली पट्टी भी ¨खचवाई जाएंगी। इस पट्टी से जो भी वाहन बाहर खड़े होंगे उन्हें क्रेन से उठाएंगे।
बाजारों की व्यवस्था सुधारने के लिए और क्या कदम उठा रहे हैं?
इस मामले में हम जल्द ही मार्केट वालों, स्कूल, कॉलेज मुखिया और विभिन्न संस्थाओं को बुलाकर इस मुद्दे पर बातचीत भी करेंगे।
पुलिस ज्यादातर मामले में पहल करने के बाद उन्हें भूला देती है, क्या कारण मानते हैं आप?
पुलिस के सामने बड़ी चुनौतियां होती हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हर 10 मिनट में पुलिस की प्राथमिकताएं बदलना है। इसी कारण ऐसा लगता है।