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आयुक्त को हाईकोर्ट की फटकार पर मेयर व पार्षदों ने बांटे लड्डू

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा अंबाला नगर निगम के मेयर व पार्षदों क

By Edited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 08:57 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 08:57 PM (IST)
आयुक्त को हाईकोर्ट की फटकार पर मेयर व पार्षदों ने बांटे लड्डू

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा अंबाला नगर निगम के मेयर व पार्षदों की याचिका पर आए फैसले से मेयर व उनके समर्थक पार्षद खुशी से फूले नहीं समा रहे। हाईकोर्ट के फैसले को अपने पक्ष में मानते हुए लड्डू तक बांट दिए। साथ ही वे अपने उन दो पार्षदों से खासे नाराज हैं जिन्होंने 15 जुलाई की बैठक में भाजपा पार्षदों के साथ बैठक में हिस्सा लिया, इसको लेकर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति तेज हो गई है।

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दरअसल हाई कोर्ट के फैसले के बाद से ही मेयर रमेश मल और उनके समर्थक पार्षद लगातार बैठकें करके न केवल खुशी जता रहे हैं बल्कि 20 अगस्त को हाईकोर्ट में सरकार और नगर निगम आयुक्त द्वारा दिए जाने वाले संभावित जवाबों को चिंता भी बनी हुई है। नगर निगम आयुक्त से टकराव के बाद हाईकोर्ट के फैसले से मिली राहत और उससे मिली मेयर व उनके समर्थकों की खुशी कितने दिन टिक पाएगी इसका फैसला तो होने वाली सुनवाई पर ही निर्भर करता है।

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दो विपरीत राजनीतिक सत्ताओं में होता रहा द्वंद्व

बीस वर्ष बाद 1987 में हुए नगर पालिका चुनाव के बाद से ही यह टकराव स्वाभाविक रूप से होता रहा है जिसमें प्रदेश में सत्तासीन दल और नगर पालिका-परिषद में सत्ता संभालने वाले दल अगर अलग-अलग हैं तो उनमें टकराव होता रहा है। ननि के चुनाव होने के समय प्रदेश में हुड्डा सरकार थी और मेयर भी उसी दल का था, ऐसे में मेयर या पार्षद यदि किसी अधिकारी को बुलाते थे या काम कहते थे तो वह दौड़ कर उसको पूरा करना अपना फर्ज समझता था लेकिन अब प्रदेश की सत्ता भाजपा के हाथ है।

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कानूनी तौर पर बन सकते संयुक्त आयुक्त

ननि आयुक्त से टकराव के चलते भले ही मेयर व अन्य को हाईकोर्ट के फैसले में अपनी जीत नजर आ रही है लेकिन कानूनी तौर पर एससीएस को ननि का संयुक्त आयुक्त लगाया जा सकता है। उस दशा में आमतौर पर जिला उपायुक्त को ही ननि के कमिश्नर का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया जाता है। पहले की तरह ही कुछ खास मौकों को छोड़ कर संयुक्त आयुक्त ही ननि के अधिकतर कार्य देखता है।

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कांग्रेस पार्षदों के खिलाफ आलाकमान तक पहुंचेगी बात

15 जुलाई की बैठक में हिस्सा लेने वाले दो कांग्रेस समर्थक पार्षदों हिम्मत सिंह और सोनिया रानी का मामला कांग्रेस आलाकमान के दरबार में जाने को तैयार है। हिम्मत सिंह जहां पिछला विधानसभा चुनाव अंबाला शहर हलके से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी लड़ चुके हैं वहीं वे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं टीम राहुल के मेंबर भी हैं। इसी प्रकार सोनिया रानी के पति टोनी चौधरी युवा कांग्रेस के जिला शहरी प्रधान हैं। दोनों ही पार्षद राजनीतिक गुटबाजी में राज्य सभा सांसद कुमारी सैलजा के गुट के माने जाते हैं। हुड्डा समर्थक इस सारे मामले को पार्टी आलाकमान तक पहुंचाने के लिए तैयारी कर रहे हैं।


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