हाथ जोड़ मांगू हरे, सेवा कृपा प्यार : रेखा
जागरण संवाददाता, अंबाला : हाथ जोड़ मांगू हरे, सेवा कृपा प्यार, विनय नमृता दान दे, देना सब कुछ वार। सं
जागरण संवाददाता, अंबाला : हाथ जोड़ मांगू हरे, सेवा कृपा प्यार, विनय नमृता दान दे, देना सब कुछ वार। संसार में हर व्यक्ति हर प्राणी दिन रात सुख की चेष्टा कर रहा है। यत्नशील है, प्रयत्नशील है। सभी का एक ही उद्देश्य है सुख को पाने का। ये उद्दगार शनिवार को छावनी के रुकमणि देवी हाल में आयोजित अमृतवाणी सत्संग एवं प्रवचन कार्यक्रम में पूजनीय श्रीकृष्ण जी एवं मां रेखाजी ने कहे। उन्होंने इस दौरान कहा कि नानक दुखिया सब संसार अर्थात जो लोग ऊंचे नजर आते है उनके अंदर भी दुख और गम होते है। उनका कहना है कि वही सुखी जो सुख आधार। आप दुनिया में सब कुछ प्राप्त कर सकते हो, परंतु सुख एक ऐसी चीज है जो आप स्वयं अपनी मर्जी से नहीं खरीद सकते है। साधो सिमरा राम को, ये ही पते ही बात, रहन विगन उतपार, जिंदगी तो आगे ही आगे चली जा रही है पर मन में चैन नहीं है। परंतु सबकुछ विश्वास पर टिका हुआ है। राम मणि चिंतामणि जैसा। अगर विश्वास नहीं है तो भटकन है। जो जन भटके स्थान जन, सब कुछ एक न निश्चय वान। अर्थात राम नाम ही है।