किशोरों को हथकड़ी लगाई, झाड़ा पुलिसिया रौब
जागरण संवाददाता, अंबाला : दूसरों को नसीहत, खुद मियां फजीहत। यह कहावत शहर के ऑब्जर्वेशन होम में देखने
जागरण संवाददाता, अंबाला : दूसरों को नसीहत, खुद मियां फजीहत। यह कहावत शहर के ऑब्जर्वेशन होम में देखने को मिली। जब किशोरों को कोर्ट में पेश करने ले जा रहे पुलिस कर्मियों ने तमाम कायदे कानून ताक पर रख दिए। हालात यह थे कि किशोरों को हथकड़ियां लगा दी गई। जब किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य ने इस पर एतराज जताया तो पुलिस कर्मियों ने गलती स्वीकार करने के बजाय पुलिसिया रौब दिखाना शुरू कर दिया। पूरे मामले में किशोर न्याय कानून 2000 की उल्लंघना हुई है। जिसकी शिकायत किशोर न्याय बोर्ड ने डीसीपी अर्बन को की है।
दरअसल, एएसआइ रोशन लाल व सिपाही ऑब्जर्वेशन होम से दो किशोरों को उनके केस के सिलसिले में बाहर ले जा रहे थे। पुलिस कर्मियों ने ऑब्जर्वेशन होम से बाहर निकलते ही किशोरों को हथकड़ी पहना दी। जबकि कानून ऐसा करना गलत है। इतना ही नहीं पुलिस कर्मी को ऐसे मामलों में नाबालिगों को ले जाते वक्त सादे कपड़े पहनने होते हैं ताकि किशोरों को अपराध की घृणा से ग्रस्त होने से बचाया जा सके। इन पुलिस कर्मियों को किशोर बोर्ड के सदस्य डॉ. कुलदीप सिंह ने देखा तो उन्होंने इस पर अपना कड़ा एतराज जताया। बड़ी बात यह थी कि पुलिस कर्मियों ने अपनी गलती स्वीकार नहीं की बल्कि पुलिस का रुआब झाड़ना शुरू कर दिया। पुलिस कर्मियों का कहना था कि वे तो ऐसे ही लेकर जाते हैं और आगे भी ऐसे ही लेकर जाएंगे। इसके बाद पुलिस कर्मी किशोरों को सरेआम हथकड़ी लगाकर ले गए। इसके बाद किशोर न्याय बोर्ड ने पूरे मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ डीसीपी अर्बन को पत्र लिखा।
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मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड पहले भी डीसीपी को पत्र लिखकर अपना एतराज जता चुका है। लेकिन पुलिस के रवैये में सुधार नहीं हुआ है। जबकि यह एक्ट के सेक्शन 75 व 76 का सीधा उल्लंघन है। इस मामले में भी संबंधित कर्मियों पर कार्रवाई के लिए डीसीपी को पत्र लिखा गया है।
डॉ. कुलदीप सिंह, सदस्य किशोर न्याय बोर्ड, अंबाला।