Move to Jagran APP

महीने से अटकी डाक, जनता बेहाल

जागरण संवाददाता, अंबाला : शहर के एसडीएम कार्यालय में नया लाइसेंस और आरसी बनवाने के लिए शहरवासी कई-कई

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 01:01 AM (IST)
महीने से अटकी डाक, जनता बेहाल

जागरण संवाददाता, अंबाला : शहर के एसडीएम कार्यालय में नया लाइसेंस और आरसी बनवाने के लिए शहरवासी कई-कई दिनों से कार्यालय के चक्कर काट रहे है, लेकिन डेढ़ माह में भी कोई काम सिरे नहीं चढ़ पा रहा है। इसके अलावा एसडीएम ने कुछ काम करने के लिए पावर कार्यालय में कार्यरत एक सुपरिटेडेंट को दे दी है। इसके अलावा कार्यालय में पिछले कई दिनों से डाक का भी कोई काम नहीं किया जा रहा है। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

loksabha election banner

एसडीएम कार्यालय में जिस काम को केवल एक हफ्ते या 21 दिन का समय निर्धारित किया गया है वही काम करने में कर्मचारी डेढ़ से दो महीना लगा रहे हैं। लोगों को रोजाना सुबह नौ से एक बजे तक लाइनों में लगना पड़ता है, इसके बावजूद भी काम पूरा नहीं हो पाता है। जिससे कि काम करवाने के लिए कार्यालय में आने वाली आधी से ज्यादा जनता को मायूस अपने घरों को लौटना पड़ता है। इसके साथ ही जिस फाइल के साथ केवल दो आइडी प्रूफ लगने चाहिएं उसे फाइल के साथ तीन आइडी प्रूफ न होने पर कार्यालय से फाइल देकर वापस भेज दिया जाता है।

गाड़ी की आरसी बदलवाने के लिए दो आइडी प्रूफ की आवश्यकता होती है। लेकिन मौजूदा हालात कार्यालय में यह दर्शाते है कि अगर किसी व्यक्ति की फाइल में तीन आइडी प्रूफ नहीं लगे है उसे फाइल देकर वापस भेज दिया जाता है। वहीं उसकी फाइल पर नियमों का एक पेज चस्पा दिया जाता है और कहा जाता है कि जब तक इस पेज पर लगे आइडी प्रूफ फाइल में नहीं लगे होंगे तब तक फाइल को कार्यालय में अगली कारवाई के लिए जमा नहीं किया जाएगा।

फोटो-51

कागज पूरे, लौटा दी फाइल

शहर निवासी पूनम का कहना है कि उन्होंने एक पुरानी गाड़ी ली है। वह इस गाड़ी की आरसी व अन्य कागज अपने नाम कराना चाहती है। इसके लिए वह करीब चार दिन से एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रही है, लेकिन उसकी फाइल में कभी कुछ कमी निकाल दी जाती है तो कभी कुछ। आज जब वह सारे कागज पूरे करके लेकर आई तो कहा कि इसमें आइडी प्रूफ दो लगे हैं। इसमें एक अन्य आइडी प्रूफ और लगाकर फाइल को वापस कर दिया। इसके अलावा पूनम का कहना है कि यहां इतनी भीड़ में लगने के बाद तो नंबर आता है और उसके बाद भी फाइल में कमियां निकाल कर वापस कर दिया जाता है।

डेढ़ माह से जमा है फाइल

फोटो- 52

शहर निवासी जोगिंद्र भाटिया का कहना है कि उन्होंने अपना लाइसेंस रिन्यू कराना था। इसके लिए उन्होंने करीब डेढ़ महीने पहले ही फाइल को पूरा करके कार्यालय में जमा करवा दिया था। लेकिन डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी न तो उनका लाइसेंस घर पर आया है और न ही अब कार्यालय में फाइल मिल रही है। कर्मियों द्वारा यहां लापरवाही बरती जाती है। फाइल जमा करने के कुल 21 दिन बाद ही उनका लाइसेंस मिल जाना चाहिए था, लेकिन यहां तो डेढ़ महीने में खाली हाथ है। उन्होंने बताया कि अगर कार्यालय कर्मियों से फाइल वापस मांगी जाए तो वह कहते है कि नई फाइल भरकर दोबारा जमा कराओ।

फोटो- 53

अप्रैल से नहीं मिला लाइसेंस

शहर के सेक्टर-10 निवासी आलियाना का कहना है कि उसने 18 अप्रैल को लर्निग लाइसेंस बनवाने के लिए फाइल कार्यालय में जमा करवाई थी। इसके बाद मुझे लाइसेंस के तौर पर एक चिट दी गई। लेकिन पांच महीने बीत जाने के बाद भी उसका कोई लाइसेंस नहीं मिला है। अगर कार्यालय में लाइसेंस लेने के लिए जाओ तो वह उस चिट पर केवल तिथि बढ़ाकर दे देते हैं। कर्मचारी कहते है कि जल्द ही ही लाइसेंस आ जाएगा, लेकिन आता कुछ नहीं है। इसके अलावा कई बार तो युवती को कार्यरत कर्मियों द्वारा यह भी कहा जाता है कि नई फाइल बनवाकर दोबारा अप्लाई कर दो।

डाक का लगा ढेर

एक महीने से एसडीएम कार्यालय में आने वाली डाक की ओर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया है। जिस कारण कार्यालय के कमरे में काफी संख्या में आई हुई डाक की फाइलों का ढेर लग गया है। इस डाक की ओर ध्यान न दिए जाने के कारण लोगों द्वारा मांगी गई जानकारी या आरटीआइ का भी कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है।

सुपरिटेडेंट को सौंपी पावर

सूत्रों के मुताबिक शहर में नियुक्त नई एसडीएम ने कुछ कामों को लेकर कुछ पावर वहां कार्यरत एक सुपरिटेडेंट को दे दी है। जिसके कारण कई काम अधर में लटक गए है। वहीं सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि एसडीएम ने भी अब तक कई फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं किए है जिसके कारण कई काम नहीं हो सके है।

राइट टू सर्विस की नहीं परवाह

सरकार की ओर से प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में कोई भी काम करवाने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है। लेकिन अंबाला शहर एसडीएम कार्यालय में राइट टू सर्विस एक्ट 2014 की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। क्योंकि एक्ट के मुताबिक जिस काम को करने के लिए केवल सात या 21 दिन का समय निर्धारित किया गया है, वह काम यहां डेढ़ से दो महीने में भी नहीं हो रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.