जानिए कैसे 3डी की मदद से बना डाली स्किन
इसकी संरचना प्राकृतिक बाहरी त्वचा के समान है। इसे एपीडर्मिस कहते हैं। यह हमें पर्यावरण के दुष्प्रभावों से बचाता है।
3डी तकनीक की मदद से इंसानों के कई अंगों को विकसित करने में सफलता मिली है। स्पेन के शोधकर्ताओं ने इस दिशा में एक और उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने 3डी बायोप्रिंटर से मानव त्वचा (स्किन) विकसित की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रत्यारोपण के अलावा शोध कार्य में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। जलन के मामले में यह खोज विशेष तौर पर मददगार साबित होगी।
3डी स्किन विकसित करने वाली टीम में शामिल रहे जॉश लुइस जोरकानो ने बताया कि इसकी संरचना प्राकृतिक बाहरी त्वचा के समान है। इसे एपीडर्मिस कहते हैं। यह हमें पर्यावरण के दुष्प्रभावों से बचाता है। उनके मुताबिक इस पर कॉस्मेटिक और दवाइयों का परीक्षण किया जा सकेगा। बायोप्रिंटिंग में बायोइंक का काफी ज्यादा महत्व रहता है। इसमें स्किन की परिस्थितियों और उसकी कार्यप्रणाली के आधार पर जैविक पदार्थ मिलाए जाते हैं, ताकि उसे प्राकृतिक रूप दिया जा सके। इसमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है।
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मात्रा में गड़बड़ी से 3डी बायोप्रिंटर सही तरीके से काम नहीं करेगा। मालूम हो कि स्किन की अंतिम लेयर फाइब्रोब्लास्ट्स से बनी होती है। इससे त्वचा में लचीलापन और मजबूती आती है।
- आइएएनएस