सफलता के 7 सूत्र
अगर आप भी एग्जाम देने जा रहे हैं तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। बस अपने रूटीन को थोड़ा सा व्यवस्थित कर लें..
छात्र जीवन में परीक्षा (एग्जाम) के टेंशन से बचना मुमकिन नहीं होता, चाहे कोई कितना भी चाहे, लेकिन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि परीक्षा को लेकर उनकी सोच और उनका नजरिया क्या है। साथ ही यह भी काफी हद तक मायने रखता है कि उन्होंने किस तरह की रणनीति अपनायी है।
1. प्रभावी बनें
किताबों में घंटों सिर घुसाए रखने की बजाय एक बार में 40-45 मिनट तक लगातार पढ़ें, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आप हर पल का पूरा सदुपयोग कर रहे हैं।
2. मल्टीटास्किंग से दूर
मल्टीटास्किंग करने से आप अपना टाइम या एनर्जी नहीं बचाते, बल्कि ऐसे में कई बार जरूरी बातों को याद रखना और भी मुश्किल होता है। यह परखी हुई बात है कि एक वक्त में कई-कई जानकारियों को प्रोसेस करने से हमारी दिमागी क्षमता घटती है और साथ ही हमें उस बात को रिवीजन करने का भी कम अवसर मिलता है।
3. नियमित रूप से ब्रेक लें
पढ़ाई के दौरान समय-समय पर आपको नियमित रूप से ब्रेक लेते रहने चाहिए, हर बार 5 से 10 मिनट का ब्रेक लें। यह जरूर याद रखें कि ब्रेक को देर तक खींचें नहीं।
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4. ब्रेक प्लान करें
पढ़ाई के बीच ब्रेक आपको दोबारा से तरोताजा करते हैं और आप इस दौरान जो भी करना चाहते हैं करें, लेकिन यह भी याद रखना जरूरी है कि आप ब्रेक के दौरान क्या नहीं करें! कुछ पढ़ने से बचें, टीवी या कंप्यूटर से दूर रहें क्योंकि ऐसा करने से आपके दिमाग का वही हिस्सा व्यस्त होता है जो पढ़ाई के दौरान होता है यानी अगर आप ब्रेक के दौरान इन गतिविधियों में खुद को झोंकेगे तो फ्रेश नहीं महसूस करेंगे। इसकी बजाय, म्यूजिक सुनें, लाइट स्नैक्स लें या फिर छोटी-मोटी वॉक करें।
5. समय बचाने के नुस्खे
ज्यादातर समय आप एक ही जैसे विषयों को पढ़ते हैं या दोहराते हैं, इसलिए अच्छा होगा कि आप महत्वपूर्ण या खास शब्दों अथवा वाक्यांशों को हाइलाइट कर लें, ताकि जब आप दोबारा उस विषय को दोहराएं तो आपका समय बच जाए। हाइलाइटिंग करना काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे एक तरह की विजुअल मेमोरी बनती है और हाइलाइटेड शब्द अलग से साफ दिखायी देता है।
6. पढ़ाई का माहौल बनाएं
पढ़ाई के लिए उपयुक्त सामग्री के साथ-साथ यह भी जरूरी होता है कि वहां माहौल कैसा है। बेशक, आपको सबसे आरामदायक अपना बिस्तर ही लगता है, लेकिन आपको बिस्तर पर बैठकर पढ़ने से बचना चाहिए। कारण, आपका दिमाग बिस्तर को सोने की जगह के तौर पर देखता है। स्टडी टेबल को सिर्फ पढ़ने के लिए इस्तेमाल करें और उसे अस्त-व्यस्त न रखें।
7. सेल्फ टेस्ट
हर दिन आप ही अपनी पढ़ाई के जिम्मेदार होते हैं। इसलिए अपने आपको जांचें। याद रखें आपके टीचर या पैरेंट आपके लिए टेस्ट पेपर तैयार न करें। पूरी ईमानदारी के साथ अपने लिए टेस्ट पेपर बनाएं और साप्ताहिक आधार पर खुद को परखते रहें। ऐसा करने से आप अपनी नियमित प्रगति पर नजर रख सकते हैं।
-डॉ. समीर पारीख
डायरेक्टर डिपार्टमेंट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल
साइंसेज, फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड
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