मरीज को ठिकाने लगाने वाले तीन जल्लाद डॉक्टर छः महीने के लिए सस्पेंड
तीनों डॉक्टर छः महीने तक कोई लेक्चर में हाजिर नहीं रह सकते न कोई क्लिनिकल काम कर सकते है ।
सूरत, ब्यूरो। सूरत महानगर पालिका संचालित स्मीमेर में 5 अक्टूबर 2016 को कालू नाम के व्यक्ति को ट्रेन की चपेट में आने के बाद इलाज के लिए अस्पताल में लाया गया था, इलाज होने के बाद स्थानीय डॉक्टरों ने ठिकाने लगाने की कोशिश की थी। तीन माह बाद आरटीआई के जरिये जारी किए गए इस वीडियो में इस बात का खुलासा हुआ । जिसके बाद जाँच कमिटी का गठन किया गया था और आखिरकार आरोपी 3 डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है ।
स्मीमेर अस्पताल के डॉक्टरों के जल्लाद बनने का वीडियो तीन महीने बाद सामने आया था । ट्रेन की चपेट में आने से घायल हुआ एक शख्स जब इलाज करवाने के लिए सूरत के स्मीमेर सरकारी अस्पताल पहुंचा तो उसे इलाज के लिए भर्ती तो कर लिया गया मगर फुटेज में दिखा कि रात में अस्पताल से तीन या चार डॉक्टर मरीज को कार की डिग्गी में बैठा कर शहर से कहीं दूर ले जाते है ।
वीडियो में पता चल रहा है कि देर रात 3 बजकर 42 मिनट चार डॉक्टर मरीज को व्हील चेयर बैठा कर हॉल से बाहर की ओर ले जा रहे है. जिसके बाद अगली तस्वीर अस्पताल के बाहर पार्किंग में लगे सीसीटीवी कैमरे की है जिसमें 3 बजकर 44 मिनट पर में डॉक्टर अपनी कार की डिग्गी में डालकर मरीज को अस्पताल से कई किलोमीटर दूर हाइवे पर ले जाया गया था. महानगर पालिका संचालित अस्पताल के डॉक्टरों की इस करतूत सामने आने के बाद जांच कमिटी का गठन किया गया था । इन तीनो को छः महीनो के लिए सस्पेंड कर दिया गया है । अब यह तीनों डॉक्टर छः महीने तक कोई लेक्चर में हाजिर नहीं रह सकते न कोई क्लिनिकल काम कर सकते है । सुपरिटेंडेंट डॉ वंदना अनुसार यह आरोपी डॉक्टर मात्र सेवा भावना से ट्रॉमा सेंटर मवि मरीजो का इलाज कर सकते है ।