शाह आयोग की रिपोर्ट में बेदाग ठहराए गए मोदी
दो मामलों की जांच हाई कोर्ट में होने से आयोग ने 15 मामलों की ही जांच की है।
अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने एमबी शाह अयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश कर दी। बजट सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होते ही राज्य के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने सदन के पटल पर रिपोर्ट रख दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात में मुख्यमंत्री रहने के दौरान औद्योगिक समूहों को सस्ते दाम पर जमीन देने के आरोप लगे थे। आरोपों की जांच के लिए शाह आयोग का गठन किया गया था।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को बेदाग करार दिया है। आयोग ने कहा है कि राज्य के विकास के लिए नीतियों के तहत ही फैसला लिया था। जस्टिस शाह की रिपोर्ट में कहा गया है कि नैनो के लिए टाटा को दी गई जमीन व कर्ज से पहले जनरल मोटर्स को भी ऐसा ही लाभ दया गया था।
सिंगूर विवाद के बाद प्रोजेक्ट को गुजरात लाने के लिए राज्य सरकार ने यह प्रयास किया था। गांधीनगर में सात कंपनियों को सस्ते दाम पर जमीन देने का आरोप भी आयोग ने खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा है कि नीति व बाजार भाव के अनुसार ही सरकार ने जमीनों का आवंटन किया है।
विदेशी संबंध विकसित करने के लिए मोदी ने 2003 से 2008 के बीच 543 हवाई यात्राएं की इनमें से 416 यात्राएं सरकारी विमान से, 50 यात्राएं चार्टर्ड विमान से, जबकि 68 यात्राएं भाजपा के कोष से की गई। शाह आयोग ने इससे संबंधित सभी आरोपों से मोदी को बरी कर दिया है। दो मामलों की जांच हाई कोर्ट में होने से आयोग ने 15 मामलों की ही जांच की है।
कांग्रेस ने कंपनियों को सस्ते दाम पर जमीन देने के मामलों की शिकायत राष्ट्रपति से की थी। गुजरात सरकार ने इसकी जांच के लिए जस्टिस शाह की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया था।