सूरत तक पहुंची पाटीदार आरक्षण की आंच, पुलिस चौकी को आग लगाई
गुजरात में 9 महीनों बाद पाटीदार आरक्षण आंदोलन एक बार फिर से हिंसक हो गया। महेसाणा में रविवार को ‘जेल भरो आंदोलन’ के दौरान हुई हिंसा की आंच अब धीरे-धीरे अन्य शहरों तक भी पहुंच गई है।
सूरत। गुजरात में 9 महीनों बाद पाटीदार आरक्षण आंदोलन एक बार फिर से हिंसक हो गया। महेसाणा में रविवार को ‘जेल भरो आंदोलन’ के दौरान हुई हिंसा की आंच अब धीरे-धीरे अन्य शहरों तक भी पहुंच गई है। महेसाणा और अहमदाबाद के बाद अब सूरत में भी पाटीदार सड़कों पर उतर आए हैं और जमकर उत्पात मचा रहे हैं। मातावाडी पुलिस थाने में कुछ उपद्रवियों मे आग लगा दी।
शहर के वराछा इलाके में स्थित मातावाडी पुलिस थाने को उपद्रवियों ने निशाना बनाया। थाने में जमकर तोड़फोड़ की और दस्तावेजों सहित लैपटॉप और कम्प्यूटर तोड़ कर थाने में आग लगा दी गई। उपद्रवियों की संख्या इतनी थी कि पुलिस उन पर कंट्रोल नहीं कर सकी। सूरत में भी 144 धारा लगा दी गई है। बता दें कि सूरत में पाटीदारों की संख्या बहुत है। बीते साल अगस्त में हुई हिंसा का सबसे ज्यादा असर सूरत में ही हुआ था।
लालजी पटेल के जख्मी होने के बाद भड़की हिंसाः जेल भरो आंदोलन के तहत पाटीदार समुदाय के हजारों लोग महेसाणा में जमा हुए थे। इसी दौरान इनकी पुलिस से झड़प हो गई। भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिससे पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसमें सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के अध्यक्ष लालजी पटेल घायल हो गए।लालजी पटेल के जख्मी होने के बाद शहर में हिंसा भड़क उठी। शहर में कर्फ्यू लगाने के साथ ही मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।