एमपी के सीएम के सचिव की बेटी को ट्रेन में खिलाया नशीला बिस्किट, पहुंची गुजरात
मध्यप्रदेश के सीएम के सेक्रेटरी की बेटी नौकरी के लिए ट्रेन से भोपाल से जयपुर जा रही थी। तब किसी यात्री ने उसे नशीला बिस्किट खिला दिया। इस स्थिति में वह गुजरात पहुंच गई।
सूरत। मध्यप्रदेश के सीएम के सेक्रेटरी की बेटी नौकरी के लिए ट्रेन से भोपाल से जयपुर जा रही थी। तब किसी यात्री ने उसे नशीला बिस्किट खिला दिया। इससे उसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया। इस स्थिति में वह गुजरात पहुंच गई। जहां पुलिस ने उसे मानस सेवा ट्रस्ट को सौंप दिया। ट्रस्ट के प्रयासों से वह घर पहुंची।
भोपाल की ग्लोबल हास्पिटल के मालिक डॉ. सुमित कुमार वर्मा की 38 वर्षीय बहन भावना वर्मा ने एम.फिल. करने के बाद नौकरी के लिए गत 22 मई को भोपाल से जयपुर जा रही थी। इस दौरान साथ के यात्री ने उन्हें विश्वास में लेकर उन्हें नशीला बिस्किट खिला दिया। जिससे भावना ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया। किसने उसे नशीला बिस्किट दिया और वह कैसे जयपुर के बजाए गुजरात पहुंच गई, यह भावना को नहीं पता।
ट्रेन से पहुंची गुजरात के बिलीमोरा
इधर भावना के जयपुर न पहुंचने पर उनके परिवार वालों ने उसकी खोजबीन शुरू की। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट उनके भाई डॉ. सुमित वर्मा ने भोपाल के अवधपुरी थाने में लिखवाई थी। उधर बिलीमोरा में अस्वस्थ हालत में किसी ने भावना को देखा, तो किसी नागरिक ने उसे बिलीमोरा पुलिस को सौंप दिया।
भाई का टेलिफोन से हुआ सम्पर्क
27 मई को बिलीमोरा पुलिस को भावना मिली। पुलिस ने पहले तो उसे अस्थिर मानसिक संतुलन वाली युवती समझा। इसलिए उसकी जांच नहीं की गई। 28 को उसे सूरत जिले के ओलपाड तहसील के गोथाण गांव के मानव सेवा ट्रस्ट के हवाले कर दिया। जहां भावना का मेडिकल चेकअप कर उसका इलाज किया गया। धीरे-धीरे वह स्वस्थ होने लगी। बाद में उसने अपने परिवार वालों के बारे में बताया। जिससे ट्रस्ट वालों ने उसके भाई डॉ.वर्मा से सम्पर्क किया। जिससे भावना का उसके भाई से मिलाप हो पाया।
धवल लाठिया की भूमिका महत्वपूर्ण
अपनी आदत के मुताबिक गुजरात पुलिस ने भावना के परिवार को खोजने के बजाए उसने उसे मानव सेवा ट्रस्ट को सौंप दिया। यहां ट्रस्ट के स्वयंसेवक धवल लाठिया ने भावना से स्नेहवश बातचीत की। उससे पता चला कि भावना के भाई भोपाल की ग्लोबल हास्पिटल के मालिक हैं। धवल ने जस्ट डायल के माध्यम से डॉ. वर्मा का फोन नम्बर लिया और उनसे सम्पर्क किया।