हार्दिक पर बनी फिल्म 'हक मांग रहा हूं, पाटीदार हूं, तकलीफ तो रहेगी'
गुजरात में हुआ पाटीदार आंदोलन तो याद ही होगा। 2015 में ये सुर्खियों में रहा। पाटीदारों के इस शक्ति प्रदर्शन को जल्द ही परदे पर लाया जाएगा। ‘पावर ऑफ पाटीदार’ शीर्षक से गुजराती फिल्म बन रही है। मार्च-अप्रैल में इसे रिलीज करने की योजना है।
सूरत। गुजरात में हुआ पाटीदार आंदोलन तो याद ही होगा। 2015 में ये सुर्खियों में रहा। पाटीदारों के इस शक्ति प्रदर्शन को जल्द ही परदे पर लाया जाएगा। ‘पावर ऑफ पाटीदार’ शीर्षक से गुजराती फिल्म बन रही है। मार्च-अप्रैल में इसे रिलीज करने की योजना है। फिल्म में हार्दिक की भूमिका अदा की है संजय देव ने जिन्हें बॉबी के नाम से जाना जाता है।
बॉबी 40 से ज्यादा गुजराती फिल्मों में काम कर चुके हैं। स्थानीय लोग उन्हें पसंद भी करते हैं। इस फिल्म का बजट करीब एक करोड़ रुपए रखा गया है। फिल्म का निर्देशन महेश पटेल कर रहे हैं। जिन्होंने हाल ही में हिंदी फिल्म सात दिन बनाई है जो जल्द ही रिलीज होने वाली है।
प्रोड्यूसर दीपक सोनी बताते हैं कि हमने पूरे आंदोलन और इसकी मजबूती को देखा है, राज्य सरकार और सरकारी महकमे को हिलाकर रख दिया था पाटीदार आंदोलन ने। इसलिए इस पर फिल्म बनाने का फैसला लिया। वे बताते हैं कि फिल्म बनाने के लिए पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) से हमने सहमति तो ले ही ली थी। जल्द ही राज्य सरकार और पुलिस से भी ले लेंगे। वहीं इस फिल्म के पोस्टर अब दिखने लगे हैं। जिसमें स्लोगन दिए गए हैं- ‘भीख नहीं हक मांगू छु, पाटीदार छु, तकलीफ तो रहेवानी’(भीख नहीं अपना हक मांग रहा हूं, पाटीदार हूं, तकलीफ तो रहेगी)।
फिल्म का रजिस्ट्रेशन वेस्टर्न इंडियन प्रोड्यूसर एसोसिएशन में करवाया गया है। केसर भवानी फिल्म के बैनर तले ये फिल्म बनाई जा रही है। डायरेक्टर महेश पटेल ने बताया कि ‘देश-दुनिया के कई आंदोलनों पर फिल्में बनीं। इनमें से कई ने तो अमिट छाप छोड़ी। इस आंदोलन की, खासकर हार्दिक की हर जगह चर्चा हुई, मीडिया में भी ये सुर्खियों में रहा इसलिए लोग फिल्म भी पसंद करेंगे। वैसे भी फिल्में समाज का आईना होती हैं और जो सवाल उठते हैं उन्हें फिल्मों में जगह मिलनी ही चाहिए।