हिंदुस्तान की मेट्रो सिटीज को भी देता है मात हाईटेक गांव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आदर्श गांव योजना ' अक्टूबर-2014 से शुरू की है। इस योजना के तहत हरेक सांसद को अपने क्षेत्र का कोई एक गांव गोद लेना है अर्थात उसे विकसित करना है।
सूरत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आदर्श गांव योजना ' अक्टूबर-2014 से शुरू की है। इस योजना के तहत हरेक सांसद को अपने क्षेत्र का कोई एक गांव गोद लेना है अर्थात उसे विकसित करना है। लेकिन सूरत जिले में एक गांव ऐसा है, जिस पर ये बात लागू नहीं होती, क्योंकि यहां के लोगों को किसी सांसद या नेता की जरूरत नहीं, बल्कि उन्होंने खुद ही अपने गांव को पूरे देश के लिए रोड मॉडल बना दिया है।
हम बात कर रहे हैं सूरत जिले से लगभग 35 किमी दूर स्थित बाबेन गांव की। लगभग 13 हजार की आबादी वाले इस गांव की किस्मत 7 साल पहले यानी की 2007 से ही चमकना शुरू हो गई थी, जब सरपंच भावेशभाई के नेतृत्व में बाबेन गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए पंचायत के सभी 19 सदस्यों ने संकल्प लिया था। वर्ष 2011 में गुजरात सरकार द्वारा बाबेन गांव की ग्राम पंचायत को 'बेस्ट ग्राम पंचायत ऑफ द ईयर' अवार्ड्स से भी सम्मानित किया जा चुका है।
एक नजर में गांव:
- 8500 मकानों में से 95 प्रतिशत पक्के
- गटर, पानी, स्ट्रीट लाइट सहित सभी प्राथमिक सुविधा
- आंगनबाड़ी, पंचायत घर
- कम्युनिटी हॉल, प्राथमिक स्कूल, हाई स्कूल
- बैंक डाक घर के लिए अलग भवन
- एंबुलेंस भी खुद की
- पंचायत के एक करोड़ रुपए बैंक में फिक्स डिपॉजिट रखे हुए हैं।
- गांव के अंदर ही 12 फीट चौड़ी पक्की सड़क
- सड़कों के दोनों और स्ट्रीट लाइट्स।