दो दोस्तों ने कायम की देशभक्ति की मिसाल
आजादी के पहले भी और आजादी के बाद भी देशभक्ति का अनूठा जज्बा। सूरत के दो दोस्त पहले देश के स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने और अब मृत्यु के बाद 100 करोड़ की संपत्ति 'मैत्री सामाजिक उत्कर्ष निधि' के माध्यम से देश की खातिर दान कर गए। सूरत के दो दोस्त
नई दुनिया ब्यूरो, सूरत। आजादी के पहले भी और आजादी के बाद भी देशभक्ति का अनूठा जज्बा। सूरत के दो दोस्त पहले देश के स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने और अब मृत्यु के बाद 100 करोड़ की संपत्ति 'मैत्री सामाजिक उत्कर्ष निधि' के माध्यम से देश की खातिर दान कर गए।
सूरत के दो दोस्त विपिन भाई देसाई और गुणवंत भाई देसाई ने यह मिसाल पेश की है। उनके निधन के बाद भी उनकी देशभक्ति को याद किया जाएगा। आजादी के बाद दोनों दोस्तों ने कड़ी मेहनत करके संपत्ति बनाई थी। उनकी इस संपत्ति का बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक है। दोनों दोस्त कहा करते थे कि आजादी के बाद हमने जो कुछ हासिल किया है, उसके लिए सिर्फ हमारी मेहनत जिम्मेदार नहीं बल्कि उसमें समाज और कुदरत का भी हिस्सा है।
परिवार और देश का हिस्सा
इन दोनों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी मृत्यु के पहले वसीयत बनाई थी। उसमें करोड़ों की प्रॉपर्टी का एक हिस्सा परिवार के नाम किया और एक हिस्सा देश के लिए। उन्होंने अपनी वसीयत में "मैत्री सामाजिक उत्कर्ष निधि" नाम का एक ट्रस्ट बनाने की मंशा जताई है। उनकी वसीयत पर कोर्ट की मुहर के लिए प्रोबेट का दावा पेश किया गया है। प्रोबेट मिलने के बाद ट्रस्ट बनाकर उनकी करोड़ों की संपत्ति का इस्तेमाल समाज के लिए किया जाएगा।
अंग भी दान कर गए थे
विपिन भाई और गुणवंत भाई ने अपनी-अपनी वसीयतों में उनकी मृत देह की व्यवस्था का भी स्पष्ट उल्लेख किया था। उनकी इच्छा के अनुसार दोनों स्वतंत्रता सेनानियों के अंगदान किए गए और पार्थिव शरीर भी सूरत के स्मीमेर अस्पताल के मेडिकल छात्रों की पढ़ाई के लिए दान कर दिए गए।