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हीरा फैक्ट्री में तल रहे थे पकौड़े, 6 कारीगरों की नौकरी गई

हीरे निखारने के हुनर पर चटपटे पकौड़ों का स्वाद भारी पड़ गया और सधे हाथों से हीरे चमकाने वाले हुनरमंद हाथों को रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं। मामला हीरा नगरी सूरत का है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2015 03:56 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2015 04:00 AM (IST)
हीरा फैक्ट्री में तल रहे थे पकौड़े, 6 कारीगरों की नौकरी गई

सूरत। हीरे निखारने के हुनर पर चटपटे पकौड़ों का स्वाद भारी पड़ गया और सधे हाथों से हीरे चमकाने वाले हुनरमंद हाथों को रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं। मामला हीरा नगरी सूरत का है। रामदेव डायमंड फैक्ट्री में काम करने वाले छह नौजवानों की गलती बस इतनी थी कि वे लोग काम के दौरान भजिये तल रहे थे। मैनेजर को पता चला तो उसने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।

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भजियों के चक्कर में नौकरी तो गई ही, मैनेजर साहब ने सभी की तनख्वाह में से पांच-पांच हजार रुपए भी काट लिए। वाकया वैसे तो दो हफ्ते पुराना है। लेकिन सामने अब आया है। हीरा पॉलिश काम करने वाले कौशिक, नयन, सागर, हीरेन, कौशल और किरित पटेल एक दिन भजिया बनाने का सामान फैक्ट्री में ले आए। फैक्ट्री के अंदर बॉयलर रूम होता है। जहां हीरों को गरम करने के लिए स्टोव और कुछ बर्तन रहते हैं। काम करते-करते थक गए तो सभी ने सोचा चलो कुछ नाश्ता हो जाए। और बॉयलर रूम में भजिये बनाने लगे। यह सब सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। मैनेजर ने वीडियो देखा और फैक्ट्री मालिक से बात कर सभी को नौकरी से निकाल दिया। सभी छह लड़के ग्रेजुएशन कर रहे हैं। कमजोर परिवारों से होने के कारण यहां एक साल से पार्ट टाइम नौकरी कर रहे थे।

नौकरी से निकाले गए नयन पांडव बताते हैं कि हम सभी बहुत गरीब परिवार से हैं, हमारी गलती बस इतनी थी कि हमने मैनेजर को बिना बताए भजिए बनाए। हमने मैनेजर को समझाने की कोशिश की, उनसे माफी भी मांगी लेकिन उन्होंने हमारी एक न सुनी। दूसरे युवक कौशिक रावल ने बताया कि हमारी तनख्वाह 13 से 14 हजार रुपए के बीच है। हमारे माता-पिता हमारी पढ़ाई-लिखाई का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं इसलिए हम यहां नौकरी कर रहे थे।

मामला नहीं सुलझा तो सभी ने हीरों की घिसाई और पॉलिश करने वाले कामगारों के यूनियन की शरण ली। यूनियन के अध्यक्ष जयसुख गजेरा ने बताया कि रामदेव डायमंड को सभी वर्कर्स को वापस काम पर बुलाने के लिए कह दिया गया है, फैक्ट्री मालिक राजी हो गए हैं, कुछ दिनों बाद निकाले गए सभी वर्कर्स को काम पर रख लिया जाएगा। हालांकि इस मामले को हीरा कारोबार में चल रही मंदी से जोड़कर भी देखा जा रहा है। कई हीरा कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी हैं।


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