ऐसे घर की बहू बनना है, जहां बिन मां के बच्चे हों
लंदन से लौटी एक आईटी प्रोफेशनल युवती ने ऐसे परिवार में रिश्ता मंजूर किया, जहां बिन मां के बच्चे हों। बेटी की पहले से ही ऐसी इच्छा को सम्मान देते हुए माता-पिता भी तैयार हो गए। और तीन बच्चों के पिता से वह परिणय सूत्र में बंध गई।
सूरत। लंदन से लौटी एक आईटी प्रोफेशनल युवती ने कई अच्छे रिश्तों को मना कर दिया। उसने ऐसे परिवार में रिश्ता मंजूर किया, जहां बिन मां के बच्चे हों। बेटी की पहले से ही ऐसी इच्छा को सम्मान देते हुए माता-पिता भी तैयार हो गए। और तीन बच्चों के पिता से वह परिणय सूत्र में बंध गई। मामला गुजरात के सूरत का है। अलग ही अंदाज में विवाह करने वाली कृष्णा हंसमुखभाई जरीवाला ने सूरत के गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज से डीसीए किया। फिर लंदन चली गईं।
कृष्णा ने कहा, 'पढ़ाई के बाद मन में एक ही इच्छा थी। ऐसे परिवार में शादी करूं, जहां बिन मां के बच्चे हों। मैं उन्हें मां का प्यार दे सकूं। परिजन ने भी मेरी इच्छा का मान रखा और वे रिश्ता तलाश करने लगे। संयोग से मां की स्कूल के समय की सहेली के बेटे राग्नेश से रिश्ता तय हो गया। हालांकि इससे पहले परिवार की जिद के चलते एक अन्य जगह बात चली। वहां कृष्णा ने शादी से पहले एक महीने का समय लिया, लेकिन वह शादी नहीं हो पाई। इसके बाद राग्नेश के परिजनों से बात हुई। उनके बच्चों के साथ दो बार मुलाकात की और शादी साथ बिताया, ताकि हम सभी एक-दूसरे को समझ सकें।
राग्नेशकी पत्नी की एक हादसे में मौत हो गई थी। उनकी दो बेटियां एक बेटा है। वे दूसरी शादी के लिए राजी नहीं थे, लेकिन बच्चों के साथ कृष्णा का लगाव देख मन बना लिया। पहली मुलाकात में ही इन बच्चों से स्नेह की डोर बंध गई। बड़ी बेटी तो कृष्णा की सहेली बन गई है।