वैज्ञानिकों ने तरबूज के छिलके से पेठा बनाने में सफलता पाई
गुजरात के नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने तरबूज के छिलके (सफेद हिस्सा) से पेठा बनाने में सफलता पाई है। साथ ही दावा किया है कि यह प्रोटीन, मिनरल और फाइबर से भरपूर है। इसे ‘नवसारी पेठा’ नाम दिया गया है।
नवसारी। गुजरात के नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने तरबूज के छिलके (सफेद हिस्सा) से पेठा बनाने में सफलता पाई है। साथ ही दावा किया है कि यह प्रोटीन, मिनरल और फाइबर से भरपूर है। इसे ‘नवसारी पेठा’ नाम दिया गया है।
यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉ . देवराज ने बताया, ‘हमने तरबूज के सफेद बेकार हिस्से से कैंडी तैयार की है। ये कैंडी सेहत की दृष्टि से फायदेमंद तो है ही, किसानों के लिए भी आय का रास्ता खोलेगी। 100 रुपए किलोग्राम के हिसाब से बेची जाए तो भी 100 फीसदी प्रॉफिट होगा।
उनके मुताबिक वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया ‘नवसारी पेठा’ आगरा के पेठे को भी कड़ी चुनौती देने में सक्षम है। जल्द ही इसे ‘तरबूज कैंडी’ के नाम से बाजार में उतारने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए व्यापारियों, उद्योगपतियों से बातचीत की जा रही है। यूनिवर्सिटी किसानों को ऑर्गनिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने का भी काम कर रही है। इसके पहले भी यहां के वैज्ञानिकों ने केले के छिलके से कपड़ा बनाने में सफलता पाई थी।