बेटा नहीं रहा, पुनर्विवाह कर पुत्रवधू को दिया सौभाग्यवती का आशीर्वाद
सूरत। हीरानगरी में सांघाणी दंपति ने विधवा पुत्रवधू का शुक्रवार को पुर्नविवाह करवा कर सौभाग्यवतीभव का
सूरत। हीरानगरी में सांघाणी दंपति ने विधवा पुत्रवधू का शुक्रवार को पुर्नविवाह करवा कर सौभाग्यवतीभव का आशीर्वाद दिया। दंपति ने खुद ही खुद ही गौरी का कन्यादान किया। सास-ससुर के आशीर्वाद से गौरी सूरत निवासी जयेश पानेलिया के साथ परिणय सूत्र में बंधी। संघाणी पिरवार जामनगर के करणा गांव का है। देवजीभाई-लाडू बहन के पुत्र मोहन का गत वर्ष पहली अप्रैल को हृदयघात से निधन हो गया था।
पुत्रवधू ही नहीं, समधी को भी मनाया
मोहन-गौरी का दांपत्य बम मुश्किल चार साल चला। इस दौरान बेटे शुभम का जन्म हुआ, जो अभी तीन साल का है। 2014 में पहली अप्रैल को मोहन की मृत्यु हो गई। गौरी के भविष्य की चिंता कर संघाणी दंपति ने उसके पुनर्विवाह का विचार किया। गौरी से भी बात की और उनसे माता-पिता से भी। समधी ने यह कहकर रजामंदी दे दी कि आप जो फैसला लेगें हमें मंजूर होगा। हालांकि गौरी तैयार नहीं हुई। सांघाणी परिवार के तीन माह तक समझाने पर वे तैयार हुईं, चैत्र नवरात्रि की अष्ठमी पर पुनर्विवाह तय हुआ। मोहन-गौरी का बेटा शुभम सांघाणी दंपति के साथ रहेगा।