अंग्रेजों के समय की फायर ब्रिगेड
By Edited By: Published: Wed, 20 Aug 2014 01:17 AM (IST)Updated: Wed, 20 Aug 2014 01:08 AM (IST)
सूरत। देश में अंग्रेजों के आगमन से पहले भी सूरत शहर विदेशों से व्यापार की दृष्टि से सबसे मुख्य था। यहां 1700 ई. में भी 84 बंदरगाह थे। इतना ही नहीं, पवित्र मक्का शरीफ की यात्रा के लिए भी हजयात्रियों को यहीं आना पड़ता था। इसीलिए मुगलों से लेकर पुर्तगालियों और अंग्रेजों तक ने अपना पहला ठिकाना इसी शराह को बनाया।
अंग्रेजों के भारत आगमन के बाद सूरत शहर की स्थिति बदलती चली गई। अंग्रेजों ने मुगल शासकों और राजा-रजवाड़ों के महलों और कोठियों को अपनी आरामगाह बना लिया। ब्रितानी सेनाओं के लिए बंदरगाह किनारे अनेकों कोठियां भी बनवाईं। शहर में विदेशी वाहनों की भी भरमार दिखाई देने लगी। अंग्रेजों ने एंबुलेंस व्यवस्था से लेकर फायर ब्रिगेड के वाहन भी ब्रिटेन से मंगवाए थे। यह वह समय था, जब अंग्रेजों के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन चल रहा था।
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