सूरत बम धमाकों के 11 दोषी सुप्रीम कोर्ट से बरी
सूरत / नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सूरत के दोहरे बम धमाकों के मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए सभी 11 लोगों को बरी कर दिया। निचली अदालत ने सभी को 10 से 20 साल तक की सजा सुनाई थी। जनवरी, 1993 में हुए इन धमाकों में एक लड़की की मौत हो गई थी और 31 लोग घायल हुए थे।
जस्टिस टीएस ठाकुर के नेतृत्व वाली पीठ ने टाडा अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली अभियुक्तों और गुजरात सरकार की अपील पर यह फैसला सुनाया। टाडा अदालत ने अक्टूबर, 2008 में गुजरात सरकार के पूर्व कांग्रेसी मंत्री मुहम्मद सुर्ती समेत पांच लोगों को 20 साल और अन्य को 10 साल की सजा सुनाई थी। अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस की घटना के करीब एक माह बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगों के दौरान सूरत रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक और वराचा इलाके में ये धमाके हुए थे। वराचा में हुए धमाके में छात्रा अल्पा पटेल की मौत हो गई थी।