छात्रों ने कहा, मुजफ्फरनगर कांड गुजरात दंगों सरीखा
अलीगढ़अलीगढ़, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार ने भले ही सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में मुजफ्फरनगर दंगों को गुजरात सरीखा नहीं माना हो, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बिरादरी तो यही मानती है। एएमयू छात्रों ने शुक्रवार को कहा कि मुजफ्फरनगर हो, असम या फिर गुजरात, दंगे एक समान हैं। सांप्रदायिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही।
छात्रों ने जुमे की नमाज के बाद पीस मार्च निकाला और सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम बिल को हर हाल में दिसंबर तक मंजूर कराने की मांग की। एएमयू की जामा मस्जिद से शुरू हुए पीस मार्च में तकरीर करते हुए छात्र नेता अब्दुल रऊफ ने कहा कि आजादी के बाद से ही देश सांप्रदायिक हिंसा झेलता आ रहा है। इस बिल को लोकसभा में पेश कर अल्पसंख्यकों को बहकाया तो गया, लेकिन केंद्र ने अभी तक इसे कानूनी शक्ल नहीं दी। उन्होंने कहा कि दंगा चाहे असम का हो, गुजरात का या फिर मुजफ्फरनगर का, हर जगह अल्पसंख्यकों को शिकार बनाया गया। मुजफ्फरनगर में 100 से ज्यादा मारे गए, 10 हजार से भी ज्यादा बेघर हैं। पीस मार्च में सैकड़ों छात्र शामिल हुए।
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