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वाघेला को नहीं मिलेगा महात्मा मंदिर, नहीं जाएंगे कांग्रेस आलाकमान के पास

कांग्रेस ने वाघेला को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने से साफ इनकार कर दिया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 12:41 PM (IST)
वाघेला को नहीं मिलेगा महात्मा मंदिर, नहीं जाएंगे कांग्रेस आलाकमान के पास
वाघेला को नहीं मिलेगा महात्मा मंदिर, नहीं जाएंगे कांग्रेस आलाकमान के पास

अहमदाबाद,[शत्रुघन शर्मा] । सरकार ने नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला को जन्मदिन पर समारोह के लिए महात्मा मंदिर देने से इनकार कर दिया है, अब शुक्रवार को वाघेला का समसंवेदना सम्मेलन टाउन हॉल में होगा। चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान ने वाघेला को तलब किया है लेकिन दिल्ली जाने के बजाए वाघेला हार्दिक पटेल व अल्पेश ठाकोर से मिलकर नया राजनीतिक समीकरण बुनने में जुट गए हैं। 

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गुजरात कांग्रेस में वर्चसव् की लडाई को लेकर शुरु हुआ संघर्ष फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्यसभा चुनाव के अगले ही दिन वाघेला ने जन्मदिन के बहाने शक्तिप्रदर्शन का ऐलान कर दिया जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने उनके आवास पर पहुंचकर समझाने का प्रयास किया लेकिन वाघेला अपनी जिद पर अडे हैं। वाघेला शुक्रवार को समसंवेदना सम्मेलन करने वाले हैं। समारोह के लिए महात्मा मंदिर मांगा गया लेकिन गत दिनों  टेक्सटाइल्स इंडिया व अन्य कार्यक्रम होने के चलते इलेक्टि्रक व मैकेनिकल काम व पुनर्निमार्ण कार्य होने का बहाना कर सरकार ने हॉल देने से इनकार कर दिया है। माफी के साथ महात्मा मंदिर के महाप्रबंधक ने कहा कि यहां जनमदिन के लिए फूडकोर्ट आदि खाली नहीं हैं। 

चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें दिल्ली तलब किया है लेकिन अब वाघेला कहीं भी जाने के मूड में नहीं हैं। दो दिन अपने विधानसभा क्षेत्र में समर्थक व कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद शुक्रवार को गांधीनगर टाउन हॉल में वे शक्तिप्रदर्शन करने वाले हैं। सम्मेलन में वे गुजरात की जनता के नाम एक संदेश देंगे जिसे लेकर माना जा रहा है कि वर्ष 1996 में एक साल चली अपनी सरकार व सार्वजनिक जीवन का हिसाब देते हुए वे राजनीति की इस आखिरी जंग में जनता का साथ मांग सकते हैं। 

कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल व ओबीसी एकता मंच के अल्पेश ठाकोर से मिलकर वे नया राजनीतिक मोर्चा खडा कर सकते हैं। वाघेला ने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत आरएसएस से होते हुए जनसंघ तथा भाजपा से की थी, 1996 में मुख्यमंत्री सुरेश मेहता की सरकार का तख्ता पलट कर कांग्रेस की मदद से खुद सीएम बन गए थे। वाघेला तब भाजपा के 35 विधायकों को खजूराहो ले गए थे अब कांग्रेस को खजूराहो पार्ट 2 दोहराने का  भय सता रहा है। इसी बीच कांग्रेस ने वाघेला को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने से साफ इनकार कर दिया है, गुजरात के प्रभारी अशोक गहलोत ने साफ किया है कि कांग्रेस नेता पहले चुनाव जीते सीएम पर फैसला बाद में होता रहेगा। 


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