वाघेला ने दिखाए कांग्रेस को बागी तेवर
विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर भी होड मच गई है।
अहमदाबाद [ शत्रुघ्न शर्मा ]। गुजरात के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर नेताओं में खींचतान नजर आने लगी है। नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला ने जहां पार्टी में खुद के उपेक्षित होने की शिकायत की है वहीं उनके 20 समर्थक विधायकों ने वाघेला को मुख्यमंत्री का प्रत्याशी बनाने का दबाव शुरु कर दिया है।
दिसंबर 2017 में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस खूब जोर शोर से तैयारी कर रही है, कांग्रेसी दिग्गज इस बार सत्ता में आने की पूरी दावेदारी कर रहे हैं इसी के साथ शीर्ष नेताओं में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर भी होड मच गई है। हालांकि वाघेला ने खुलकर कुछ नहीं कहा लेकिन गत दिनों टैगोर हॉल में हुए कांग्रेसियों के सम्मेलन में अपना दुख जताते हुए कहा कि उन्हें कांग्रेस में शामिल हुए 18 साल हो गये लेकिन मूल कांग्रेस उनको व उनके समर्थकों को आज भी भाजपा व राजपा के रुप में चिन्हित करते हैं।
वाघेला ने हालांकि मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी का फैसला आलाकमान पर छोड दिया है लेकिन उनके समर्थक करीब 20 कांग्रेस विधायक चाहते हैं कि चुनाव से पहले वाघेला को मुख्यमंत्री का प्रत्याशी घोषित कर दिया जाए। बीते तीन 2002, 2007 व 2012 विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा के मुख्यमंत्री प्रत्याशी रहे जबकि कांग्रेस बिना मुख्यमंत्री उम्मीदवार के मैदान में उतरती रही, इस बार वाघेला समर्थकों का मानना है कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा से कांग्रेस को सत्ता पाने में आसानी होगी। वाघेला प्रदेश के सर्वमान्य नेता हैं तथा पूर्व में एक बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जनता में लोकप्रिय होने के साथ कांग्रेस के सबसे दमदार चेहरों में एक हैं लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री तुषार चौधरी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया, पूर्व अध्यक्ष सिद्वार्थ पटेल व विधायक शक्ति सिंह गोहिल भी इस पद के प्रमुख दावेदार हैं और यही कांरण है कि कांग्रेस आलाकमान एक नेता के नाम पर चुनाव में जाने से बच रहा है। उधर वाघेला समथ्रकों का धीरज टूट रहा है,
गौरतलब है कि नेता विपक्ष के लिए भी वाघेला ने कांग्रेस पर दबाव बनाया था उसके बाद अपने समधी विधायक बलवंतसिंह राजपूत को मुख्य सचेतक बनवा दिया जिससे मूल कांग्रेसी नेता अब सीएम पद की दावेदारी पर खुद का अधिकार मान रहे हैं।