सोलंकी खेमा व वाघेला के बीच खींचतान
ऐसे हालात में आलाकमान गुजरात प्रभारी गहलोत को विशेष पावर देकर संगठन की कमान भी उन्हें सौंप सकता है।
अहमदाबाद, शत्रुघन शर्मा। गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस दो दिग्गज नेताओं की आपसी खींचतान में उलझ गई है। मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी पर अड़े नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला राज्य में कांग्रेस की कमान संभालने को तैयार हैं लेकिन पार्टी प्रमुख भरतसिंह सोलंकी पद छोडऩे को तैयार नहीं हैं। ऐसे हालात में आलाकमान गुजरात प्रभारी गहलोत को विशेष पावर देकर संगठन की कमान भी उन्हें सौंप सकता है।
उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के भीतर चली खींचतान से सब वाकिफ हैं, पार्टी को उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी थी, कांग्रेस करीब दो दशक बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है लेकिन अपनी ही पार्टी के नेताओं के चलते पार्टी चुनावी अभियान के बदले डैमेज कंट्रोल में उलझी है। वाघेला प्रदेश संगठन से नाराज हैं अब ये बात जगजाहीर है कि प्रदेश अध्यक्ष सोलंकी से उनकी पट नहीं रही है, सूत्र बताते हैं कि वाघेला ने गहलोत से मुलाकात में गुजरात कांग्रेस की कमान उनहें सौंपने की बात रखी थी जिस पर पार्टी आलाकमान कोई फैसला नहीं कर पाया है।
गौरतलब है कि कांग्रेस 2002 के विधानसभा चुनाव वाघेला के नेतृत्व में लड़ चुकी है तथा वाघेला एक बार फिर पार्टी को लीड करना चाहते हैं लेकिन असल कांग्रेसी व बाहरी का मुददा कांग्रेस में आज भी हावी है। आरएसएस गौत्र के वाघेला 1996 में भाजपा से बगावत कर गुजरात के सीएम बने थे, एक साल बाद ही अपनी पार्टी राजपा का कांग्रेस में विलय कर दिया था लेकिन मूल कांग्रेसी आज भी उनहें बाहरी मानते हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात में राज्यसभा की 3 सीट पर चुनाव होने हैं, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तथा दिलीप पटेल की टर्म अगस्त में पूरी हो रही है। चर्चा है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को राज्यसभा में ले जाने की तैयारी है तथा ईरानी का टिकट भी फाइनल है, कांग्रेस की एक सीट पर भी भाजपा की नजर है ऐसे में शाह वरिष्ठ नेता वाघेला व असंतुष्ट् विधायकों पर डोरे डाल रहे हैं। कांग्रेस हर हाल में अहमद पटेल को एक बार फिर राज्यसभा भेजना चाहती है ऐसे में गहलोत को डैमेज कंट्रोल के लिए लगाया गया है। वाघेला व सोलंकी खेमे में कोई सहमति नहीं बने तब तक आलाकमान गहलोत को राज्य की विशेष जिम्मेदारी सौंपना चाहता है ताकि पार्टी में चल रहे गतिरोध को तोड़ा जा सके।
यह भी पढ़ें: एक भी विधायक भाजपा में शामिल होने वाला नहीं