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वाघेला ने विधानसभा चुनाव के लिए बनाया जनविकल्प मोर्चा

'जनविकल्प' नाम का यह मोर्चा आगामी विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर लड़ेगा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 19 Sep 2017 10:54 AM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 11:26 AM (IST)
वाघेला ने विधानसभा चुनाव के लिए बनाया जनविकल्प मोर्चा
वाघेला ने विधानसभा चुनाव के लिए बनाया जनविकल्प मोर्चा

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात कांग्रेस के पूर्व सशक्त नेता शंकर सिंह वाघेला ने घोषणा की है कि वह एक नए राजनीतिक मोर्चे का गठन करेंगे। 'जनविकल्प' नाम का यह मोर्चा आगामी विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर लड़ेगा। वाघेला ने कहा है कि कांगेस और भाजपा में हाईकमान संस्कृति से जनता व कार्यकर्ता की अवहेलना हो रही है। वाघेला ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा व कांग्रेस में फिक्सिंग का भी आरोप लगाया।

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वाघेला ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि वे सरकार से परेशान तथा राजनीतिक दलों से पीडि़त जनता व कार्यकर्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए जनविकल्प के साथ हैं। जनविकल्प कोई राजनीतिक दल नहीं विविध पार्टी, संगठन व सामाजिक संस्थाओं को एक मंच देने का माध्यम है। वाघेला बताते हैं कि वर्ष 1977 में गुजरात में जशभाई पटेल ने इसी तरह का प्रयोग किया था, जिसमें शामिल विविध दल, संगठनों ने विविध चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा था। वाघेला ने कहा कि जीएसटी व नोटबंदी से व्यापारी परेशान हैं।

बेरोजगारी से 40 लाख युवा त्रस्त हैं तथा सरकार महिला व युवाओं को फिक्स वेतन पर नौकरी देकर शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि राजनीति में भी फिक्सिंग होता है। गुजरात राज्यसभा चुनाव इसका ताजा उदाहरण है जिसमें भाजपा व कांग्रेस ने आपस में मिलकर चुनाव को फिक्स कर दिया था। वाघेला इस चुनाव में अपने समधी व भाजपा प्रत्याशी बलवंतसिंह राजपूत की हार से भी नाराज हैं। अपने पुत्र विधायक महेंद्र सिंह वाघेला के जनविकल्प में शामिल होने का फैसला वाघेला ने खुद महेंद्र पर ही छोड़ दिया। उनका कहना है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए 13 विधायकों के बारे में पार्टी को पहले ही अवगत करा दिया था लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने इसकी परवाह नहीं की।

उन्होंने भाजपा सरकार के करोड़ों के प्रचार-प्रसार पर सवाल उठाते हुए कहा-युवा बेकार हैं। लोग दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस पैसे का उपयोग इन लोगों की भलाई पर खर्च किया जाता तो अच्छा होता। जनविकल्प के लिए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर व दलित नेता जिगनेश मेवाणी से उन्होंने कोई संपर्क नहीं किया है। सोशल मीडिया सलाहकार पार्थेश पटेल व कोमल मेहता जनविकल्प के बैनर तले जनता से राजनीतिक फीडबैक ले रहे हैं ताकि जनता की समस्याओं को उठाया जा सकें।

फेसबुक व वाट्सऐप आदि माध्यमों से ही एक सर्वे भी कराया गया जिसमें कहा गया है कि जनता भाजपा व कांग्रेस दोनों से परेशान है तथा विकल्प चाहती है। वाघेला खुद चुनाव नहीं लड़ रहे लेकिन जनविकल्प के बैनर तले एनसीपी, आम आदमी पार्टी, विविध संगठनों को शामिल करने को तैयार हैं। समस्त गुजरात ब्रह्म समाज के प्रमुख यग्नेश दवे ने इस मोर्चे को अपना समर्थन दिया है। 
 

भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों में एक-एक पारी खेलने के बाद वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वाघेला ने मंगलवार को जनविकल्प नाम से नया मोर्चा बनाया है। भाजपा छोड़ने के बाद वाघेला ने राष्ट्रीय जनता पार्टी का गठन किया था। बाद में उनकी पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया था।

गुजरात की राजनीति के बुजुर्ग नेता शंकरसिंह वाघेला ने करीब दो माह पहले अपने 77वें जन्मदिन पर कांग्रेस से किनारा कर लिया था। राज्यसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के बलवंतसिंह राजपूत का समर्थन किया था। चुनाव में कांग्रेस नेता अहमद पटेल के हाथों अपने समधी की हार का बदला लेने को आतुर वाघेला इस बार किंग मेकर की भूमिका में आना चाहते हैं।

जनता की समस्याओं को लेकर वाघेला लगातार भाजपा व कांग्रेस को निशाने पर लेते रहे हैं। राजनीति के जानकार बताते हैं कि राज्य में भाजपा से नाराज वोट कांग्रेस के पाले में जाने से रोकने के लिए वाघेला यह सब कर रहे हैं।

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