राज्यसभा चुनावः गुजरात की सियासी जंग पर तमाम निगाहें, फैसला आज
कांग्रेस अपने विधायकों को अकेले छोडऩे से डर रही है कि कहीं भाजपा उनको अपने पाले में नहीं कर ले।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। गुजरात में कई सप्ताह से जारी राजनीतिक जंग का फैसला मंगलवार को हो जाएगा। राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का जीतना तय है। इस चुनाव के जरिये अमित शाह पहली बार संसद पहुंच रहे हैं। हालांकि, तीसरी सीट के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल मुश्किल में फंसे नजर आ रहे हैं।
शाम तक पता चल जाएगा कि शाह अपनी व्यूह रचना में सफल रहे या पटेल विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पांचवीं बार राज्यसभा पहुंचने में कामयाब हो गए। भाजपा ने पटेल के खिलाफ कांग्रेस के ही बागी नेता बलवंत सिंह राजपूत को उतारकर चुनाव को रोमांचक बना दिया है। राजपूत विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे। वे कांग्रेस छोड़ चुके वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला के रिश्तेदार हैं।
गुजरात में लगभग दो दशक बाद राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी व विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा का दामन थाम लिया। इससे कांग्रेस का रास्ता दुश्वार हो गया है। पार्टी को अपने 44 विधायकों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए बेंगलुरु भेजना पड़ गया। बेंगलुरु के ईगलटन रिजॉर्ट में 10 दिन बिताकर लौटे विधायक आणंद के निजानंद रिजॉर्ट में भेज दिए गए हैं।
कांग्रेस अपने विधायकों को अकेले छोडऩे से डर रही है कि कहीं भाजपा उनको अपने पाले में नहीं कर ले। हालांकि, पटेल को अब भी भरोसा है कि वाघेला अपना वादा निभाएंगे और उन्हें ही मत देंगे। उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस विधायकों को धमकाने का आरोप लगाया है।
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