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कांग्रेस नेताओं में सीएम पद को लेकर खींचतान

वाघेला खुद को कांग्रेस का सीएम प्रत्याशी घोषित कराना चाहते हैं, सोशल मीडिया में बापू फॉर सीएम नाम अभियान भी चल रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 31 Mar 2017 03:11 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2017 03:24 AM (IST)
कांग्रेस नेताओं में सीएम पद को लेकर खींचतान
कांग्रेस नेताओं में सीएम पद को लेकर खींचतान

अहमदाबाद [ शत्रुघ्न शर्मा ]। गुजरात कांग्रेस के दिग्गतज नेता शंकरसिंह वाघेला ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर एक बार फिर अपनी ही पार्टी पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है। माना जा रहा है कि वाघेला खुद को कांग्रेस का सीएम प्रत्याशी घोषित कराना चाहते हैं, सोशल मीडिया में बापू फॉर सीएम नाम अभियान भी चल रहा है।
भाजपा अध्यक्ष शाह गुजरात के दौरे पर हैं अथवा यूं कहें की 5 राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद अब वे गुजरात में सक्रिय हो गये हैं। प्रदेश में कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधी लडाई नजर आ रही है, आम आदमी पार्टी जमीनी स्तर पर काम कर रही है लेकिन उनके सामने सबसे बडी चुनौती स्थानीय चेहरे की रहेगी। विधानसभा में ही शाह से मुलाकात को वाघेला औपचारिक बता रहे हैं लेकिन राजनीति के जानकार बताते हैं कि आलाकमान पर दबाव बनाने की ये वाघेला की पुरानी स्टाइल है। इससे पहले नेता विपक्ष पद को लेकर भी वाघेला ने कांग्रेस को तेवर दिखाए थे, बापू इस चुनाव को कैरियर का आखिरी चुनाव मानते हुए पूरी ताकत झौंक कर दुबारा सीएम बनने की चाहते रखते हैं।
गुजरात में बापू के नाम से चर्चित पूर्व मुख्यएमंत्री व नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला की राजनीतिक शिक्षा दीक्षा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में हुई है, करीब दो दशक से कांग्रेस में होने के बाद भी कांग्रेस नेताओं की ओर से उन्हें बाहरी समझे जाने का दुख व्यक्त कर चुके हैं। ऐसे में वाघेला व शाह की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं, भाजपा मुख्यमंत्री विजय रुपाणी व उपमुख्य मंत्री नितिन पटेल के नेतृत्व में ही चुनाव लडेगी खुद अमित शाह ये बात साफ कह चुके हैं। कांग्रेस में सीएम प्रतयाशी को लेकर भारी ऊहापोह है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी, नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल, ,पूर्व केन्द्रीय मंत्री तुषार पटेल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया व सिद्वार्थ पटेल भी इस दौड में शामिल हैं। अधिक संभावना इस बात की नजर आती है कि कांग्रेस किसी को सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं करके पंजाब विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही अपनी रणनीति तैयार करे लेकिन टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार की कमान किस नेता को सौंपी जाए इस पर एकराय जरुरी है।

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