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चुनावों को लेकर गुजरात में सियासत तेज

पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आते ही गुजरात में भाजपा जिला व तहसील स्तर पर सोशल मीडिया की रणनीति को धार देने में जुट गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 15 Mar 2017 06:46 AM (IST)Updated: Wed, 15 Mar 2017 06:56 AM (IST)
चुनावों को लेकर गुजरात में सियासत तेज
चुनावों को लेकर गुजरात में सियासत तेज

अहमदाबाद। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आते ही गुजरात में भाजपा जिला व तहसील स्तर पर सोशल मीडिया की रणनीति को धार देने में जुट गई है वहीं कांग्रेस बेरोजगार युवाओं का पंजीकरण कर उनकी नाराजगी को भूनाने के प्रयास में है। 26 मार्च को आम आदमी पार्टी भी गांधीनगर में आजादी सभा कर चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों ने अपनी चुनावी रणनीति पर काम शुरु कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यू् इंडिया मिशन को ध्यान में रखते हुए भाजपा युवाओं पर खास ध्यान दे रही है। पार्टी प्रचार के लिए सोशल मीडिया को प्राथमिता देते हुए जिला व तहसील स्तर पर वॉर रुम खोलने की तैयारी कर रही है ताकि युवाओं से अधिक से अधिक संवाद किया जा सके। इसके जरिऐ प्रदेश भाजपा प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता को भुनाने के साथ केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का भी प्रचार करेगी। ग्रीष्मावकाश में भाजपा युवाओं को पार्टी से जोडकर अपनी ताकत बढाऐगी। इसलिए पार्टी लोकसभा चुनाव के दौरान मिस कॉल करके सदस्य बने लोगों को भी खोज रही है।
उधर कांग्रेस ने भी बेरोजगार युवाओं को टारगेट करते हुए अपनी रणनीति बनाई है, पार्टी अपने प्रचार के दौरान बेरोजगार युवाओं को पंजीकरण करेगी ताकि युवाओं को कांग्रेस के करीब लाया जा सके। नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला ने विधानसभा में युवाओं को 3 से 4 हजार रुपए का बेरोजगारी भत्ते का भी मुद्दा उठाया था। 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने घर का घर योजना के तहत बेघर परिवारों को घर देने के लिए फॉर्म भरवाऐ थे जिसे खूब जनसहयोग मिला था। कांग्रेस की इसी योजना को फेल करने के लिए तब भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में 5 साल में 50 लाख घर बनाने की घोषणा की थी। पंजाब व गोवा में सत्तारूण में आने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी को भले दोनों राज्यों में निराशा हाथ लगी हो लेकिन गुजरात में आगामी 26 मार्च दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल चुनावी अभियान का विधिवत बिगुल फूंकने वाले हैं। प्रदेश संयोजक डॉ कनुभाई कलसरिया सौराष्ट्र् में लगातार जनसंपर्क पर हैं वहीं पूर्व संयोजक सुखदेव पटेल को भी आप में वापस शामिल कर लिया है।

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अहमदाबाद। गुजरात में चल रहे आरक्षण आंदोलन, दलित व ओबीसी आंदोलन के चलते लंबे समय से समय से पहले चुनाव होने की अटकलें लग रही थी जिसे मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सिरे से खारिज कर दिया है। केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने भी कहा है कि मानसून नजदीक है, इस मौसम में चुनाव संभव नहीं तथा भाजपा कभी भी अव्यवहारिक फैसला नहीं करेगी। गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी व नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला पार्टी कार्यकर्ताओं से विधानसभा चुनाव समय से पहले आने की चेतावनी देते हुए तैयार रहने को कहते आ रहे हैं। स्थानीय मीडिया व राजनीतिक हलकों में भी तरह तरह की अटकले चल रही है, सीएम रुपाणी ने ऐसी बातों को कोरी अफवाह बताते हुए कहा है कि गुजरात में दिसंबर 2017 में ही चुनाव होंगे। उन्‍होंने कहा कि भाजपा कभी भी मिट टर्म पोल नहीं कराऐगी, उनकी सरकार पूरा कार्यकाल समाप्त करेगी। केन्द्रीय कृषि एवं पंचायतराज राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला का भी कहना है कि आगामी दो माह में मानसून सक्रिय हो जायेगा, ऐसे मौसम में कभी चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उनका यह भी मानना है कि भाजपा कभी भी मध्यसत्र चुनाव कराने का अव्यवहारिक फैसला नहीं करेगी।

 रुपाला कहते हैं कि राजनीतिक हलके व मीडिया में भी जो भी चर्चा चल रही हो लेकिन केन्द्र व राज्य स्तर पर ऐसी कोई चर्चा नहीं है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को हटाने को लेकर भी मीडिया में लंबे समय तक गहमागहमी रही, उसके बाद अचानक उनको पद छोडना पडा था, भाजपा नेतृत्व कई बार अप्रतयाशित फैसले करता है जिसके चलते ऐसी अटकलों को हवा मिलती है। 


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