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कवि जब्बार ने गौमाता पर कविता सुना महफिल लूटी

युगों तक भारत भूमि की शान रही गौमाता – हम ऐसी गौमाता को अब नहीं कटने देंगे, शीश भले कट जाये लेकिन गाय नहीं कटने देंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 15 Nov 2016 05:25 AM (IST)Updated: Tue, 15 Nov 2016 05:42 AM (IST)
कवि जब्बार ने गौमाता पर कविता सुना महफिल लूटी

अहमदाबाद [ शत्रुघ्न शर्मा ] । पाकिस्तान व कालेधन पर मोदी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक पर अहमदाबाद में कवितायें सुनाकर कवियों ने खुब गुदगुदाया। वहीं गौमाता की रक्षा जैसी कविताओं पर श्रोताओं ने जमकर दाद दी।
गुजरात – राजस्थान मैत्री संघ की ओर से रविवार को वस्त्रापुर ओपन थियेटर में आयोजित कवि सम्मेलन में जयपुर से आये वीररस के कवि अब्दुल जब्बार ने गौरक्षा पर अपनी कविता - युगों तक भारत भूमि की शान रही गौमाता – हम ऐसी गौमाता को अब नहीं कटने देंगे, शीश भले कट जाये लेकिन गाय नहीं कटने देंगे।
वीररस के कवि अशोक चरण ने भगवा आतंकवाद के आरोप को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने अच्छेे दिनों की तस्वीर पेश करते हुए सुनाया कि, सेना को आजाद कर दिया – फिर अच्छे दिन क्या होंगे, कालाधन बर्बाद कर दिया – फिर अच्छे दिन क्यां होंगे। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद के हालात बयां करते हुए कहा कि सभी विपक्षी दल एक चौपाल पर एकत्र होकर ऐसे चर्चा कररहे होंगे, बहकी बहकी मेरी चाल पे- चर्चा ना छेडो चौपाल पे, आधी से ज्याीदा टीम घोटालेबाज निकली – चर्चा ने छेडो।
व्यंग्यकार राजकुमार बादल ने लोकसभा चुनाव से पहले के हालात बयां करते हुए सुनाया कि, लाखों जिंदगानी झंडू बाम हो गई – सब जाणे मुननी बदनाम हो गई। वहीं संदीप शर्मा ने वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर अधिक उम्र में शादी करने तथा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की खाट सभा पर जमकर कटाक्ष किया। हास्यरस के कवि केसर मारवाडी ने राजस्थानी मिठाईयों पर अपनी शोध का पिटारा खोला तो उपस्थिेत श्रोता झूम उठे। केसर ने कहा जलेबी की संरचना देखकर वैज्ञानिक चकराते हैं कि बेल्डिंग बिना कैसे इसके चक्कीर आपस में जुडे हैं, फीणी की वायरिंग का माजरा तो नासा वाले भी नहीं सुलझा पाये।
कवि सम्मेलन को अपनी ओजपूर्ण कविताओं से सराबोर करने वाले अब्दुल जब्बार ने एमआईएम के सांसद असदुददीन औवेसी के भारत माता की जय नहीं बोलने के बयान पर कहा कि ऐसा कौनसा मजहब है जिसमें मां की जय नहीं बोल सकते। जब्बार ने अपनी कविता
तुमको शायद इस हरकत पर शर्म नहीं आती होगी
तूने हिम्मत कैसे करली मां की जय नहीं लगाने की
सुन सुन ओ गददार औवेसी – कान खोलकर सुनले तू
जिस दिन मोदी संसद में शिव शंकर बनकर डोलेंगे
तू क्या तेरा अब्बार भी वंदे मातरम बोलेंगे।
जिस देशद्रोही को मातभूमि का जय वंदन स्वीकार नहीं
उस देशद्रोही को भारत में रहने का अधिकार नहीं
सुनाया जिस पर श्रोताओं ने जब्बार को स्टेंडिंग ऑवेशन दिया। संयोजक नरेंद्र सिंह पुरोहित ने बताया कि कवि सम्मेलन में गौसेवा आयोग के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री वल्लभ कथीरिया, शहर भाजपा अध्यक्ष जगदीश पंचाल आदि उपस्थित रहे।

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