गोबरबंदी का फरमान
गुजरात की अमरेली नगर पालिका ने अजीब फरमान जारी किया है। इसमें कहा है कि सड़क पर कोई भी जानवर 3 किलो से ज्यादा गोबर नहीं कर सकता है।
अहमदाबाद, अमरेली। गुजरात की अमरेली नगर पालिका ने अजीब फरमान जारी किया है। इसमें कहा है कि सड़क पर कोई भी जानवर 3 किलो से ज्यादा गोबर नहीं कर सकता है। बछड़ा-पाड़ा जैसे छोटे जानवरों के लिए सीमा एक किलो तय है। यह व्यवस्था एक दिसंबर की आधी रात से लागू कर दी गई है।
दरअसल अमरेली नगर पालिका कांग्रेस शासित है। वहां के प्रमुख ने केंद्र के नोटबंदी के फैसले को हास्यास्पद ठहराने के लिए यह हुक्म जारी किया है। इसमें कहा गया है कि आवारा पशु भी पहले से तय जगह पर ही गोबर करेंगे। अगर कहीं और किया तो नियम के मुताबिक कार्रवाई होगी। पहली दिसंबर 2016 को जारी 'स्वच्छ शहर, स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत' शीर्षक के इस आदेश पर अमरेली के नगर पालिका प्रमुख के हस्ताक्षर हैं। इसमें लिखा गया है कि केंद्र सरकार के महात्मा गांधी स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत अमरेली शहर में आवारा घूमने वाले पशुधन के गोबर त्याग से होने वाली गंदगी से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए यह आदेश जारी किया जा रहा है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि स्वच्छ भारत अभियान के समर्थन में नगर पालिका के इस निर्णय का समर्थन करें।
गोबर तौलने के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड
इस आदेश में कहा गया है कि नपा प्रशासन सार्वजनिक जगहों पर पशुधन द्वारा किए गए गोबर की तौल के लिए अलग से फ्लाइंग स्कॉड बनाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि आदेश को अमल में लाने के लिए विस्तृत नियम शहर के लाेगों से सलाह-मशविरा करके आने वाले दिनों में घोषित किए जाएंगे। आदेश में नियम तोड़ने पर सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई जानवर तय मात्रा से अधिक गोबर करेगा तो संबंधित पशु के मालिक को गधे पर उल्टा बिठाकर शहर में घुमाया जाएगा।
नोटबंदी से अगर कालाधन बाहर आएगा तो गोबरबंदी से स्वच्छता क्यों नहीं : विधायक
कांग्रेस नेता परेशभाई धानाणी अमरेली से विधायक हैं। गोबरबंदी पर वह सवालिया लहजे में कहते हैं कि यदि नोटबंदी से कालाधन बाहर आ जाएगा तो गोबरबंदी से स्वच्छता क्यों नहीं आ सकती ? स्वच्छता की खातिर यह कठोर निर्णय है। कालामन एवं कालाधन रखने वाले लोग ही इसका विरोध कर रहे हैं। पीएम का सपना साकार करने का प्रयास है।