गुजरात में मांस की दुकाने चल रही है
गुजरात में अवैध कत्लखाने व मांस की दुकाने चल रही है। सोशल मीडिया में गौरक्षक कानून के संदर्भ में केग की रिपोर्ट का हवाला देकर प्रचार किया जा रहा है।
अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने एक दिन पहले ही गौवंश संरक्षण कानून बना दिया, लेकिन इस बात का खुलासा हुआ है कि गुजरात में अवैध कत्लखाने व मांस की दुकाने चल रही है। सोशल मीडिया में गौरक्षक कानून के संदर्भ में केग की रिपोर्ट का हवाला देकर प्रचार किया जा रहा है।
जामनगर में 2, राजकोट में एक, सुरेन्द्रनगर में 3, सूरत में एक कतलखाने सहित सेकड़ो मांस की दुकाने अवैध रुप से चल रही है। गुजरात के मुख्यमंत्री जैन समुदाय से आते है। जिसका अहिंसा ही परम सिद्धांत है। आम आदमी पार्टी इस बात को मुद्दा बनाकर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने की तैयारी कर रही है।
केग के रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2016 तक प्रदेश में केवल 55 मांस की दुकानों के लाइंस लिये गये है। प्रदेश में स्थित अवैध या वैध कतलखाने तथा मांस की दुकानों पर फूड एन्ड ड्रग्स विभाग ने अभी तक छापा नहीं मारा है न ही कभी मांस के नमूने लिये है।
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रजिस्ट्रार जनरल आफ इन्डिया के सर्वे के मुताबिक 2014 में गुजरात की साढे 6 करोड़ जनता में से 39.05 फीसदी जनता मांसाहारी है।