कांग्रेस को याद करने से बचते दिखे मोदी, विकास योजनाओं पर रखा फोकस
सूखा झेलने वाले कच्छ को नर्मदा का पानी पहुँचाने वाली सौनी योजना का लोकार्पण कर एक बार फिर मोदी ने कच्छी मांडुओं का दिल जीत लिया।
अहमदाबाद [ शत्रुघन शर्मा ]। कच्छ नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा, ये महज गुजरात पर्यटन के विज्ञापन की पंक्तियाँ नहीं हैं. विनाशकारी भूकंप झेलने वाले कच्छ के विकास की कहानी है. प्रधानमंत्री मोदी इसे बखूभी समझते हैं. साल मैं नौ माह सूखा झेलने वाले कच्छ को नर्मदा का पानी पहुँचाने वाली सौनी योजना का लोकार्पण कर एक बार फिर कच्छी मांडुओं का दिल जीत लिया।
प्रधानमंत्री मोदी की गुजरात यात्रा से विरोधी दल कांग्रेस भले असहज होती हो लेकिन इस यात्रा में मोदी कांग्रेस को याद करने से भी बचते नजर आये। भाजपा के ही वरिष्ठ नेता केशुभाई पटेल की सरकार के कामो को भी मोदी ने याद किया। गुजरात में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सीधे तौर पर चुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली है. मोदी अब तक उत्तर गुजरात , मध्य गुजरात , सौराष्ट्र , कच्छ के साथ अहमदाबाद सूरत राजकोट भरुच आदि शहरों में भी जनसभाएं कर चुके हैं. मोदी सीधे मुद्दे की बात कर रहे हैं, कच्छ के लिए पानी सबसे अहम् है, इसलिए अपनी पूरी बात को इस पर सीमित रखा।
मोदी ने कच्छी मांडुओं को भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए कहा की केरल व् देश विदेश में बसा कच्छी व्यक्ति यहां वर्षा होने पर ख़ुशी के मारे अपने घर में हलवा बनवाकर खाता है. नर्मदा आज गुजरात की परिक्रमा करने निकली है. नर्मदा का पानी केवल प्यास बुझाने व धरती को हरियाला ही नहीं बनाएगा बल्कि गरीब के घर में खुशियां भी लाएगा।
मोदी की बातों में कांग्रेस का उल्लेख कम अपनी योजनाओं पर फोकस अधिक था। विरोधियों पर वे इतना ही बोले की उन्हें जो करना है करे हमें किसी माथा कूट में पड़े बिना गुजरात का भविष्य सुनिश्चित करने वाली ताक़त को बल देना है. मोदी ने वडोदरा के हाई टेक बस अड्डे का उल्लेख करते हुए कहा की अब जमाना एयरपोर्ट ही नहीं बस पोर्ट का है और ऐसा ही बस अड्डा कच्छ में भी बनेगा।
मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कांग्रेस को जमकर आड़े हाथ लिया , रुपानी ने कहा मोदी का नाम सुनते ही कांग्रेस भड़क जाती है. 45 वर्ष तक कुशासन से गुजरात का अहित करने वाली कांग्रेस ने हमेशा गुजरात के विकास में बाधा पहुंचाई।