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राजनीतिक घमासान के बाद जीते पटेल, शाह और ईरानी भी पहुंचे राज्यसभा

भाजपा के बलवंत सिंह के मुकाबले हारी बाजी जीत कर बाजीगर साबित हुए अहमद पटेल लगातार पांचवीं बार राज्यसभा में पहुंचने में सफल रहे।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 09 Aug 2017 09:14 AM (IST)Updated: Wed, 09 Aug 2017 09:15 AM (IST)
राजनीतिक घमासान के बाद जीते पटेल, शाह और ईरानी भी पहुंचे राज्यसभा
राजनीतिक घमासान के बाद जीते पटेल, शाह और ईरानी भी पहुंचे राज्यसभा

 नई दिल्ली, जेएनएन। गुजरात में राज्यसभा चुनाव पर दिनभर चला घमासान आखिरकार कांग्रेस के लिए मंगलकारी रहा। चुनाव आयोग ने कांग्रेस की अपील पर कार्रवाई करते हुए देर रात दो बागी विधायकों के वोट रद कर दिए। इससे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल गुजरात से राज्यसभा का चुनाव जीत गए। भाजपा से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी उम्मीद के मुताबिक ही आसानी से जीत गए। लेकिन राज्य से राज्यसभा की तीसरी सीट पर भाजपा के बलवंत सिंह के मुकाबले हारी बाजी जीत कर बाजीगर साबित हुए अहमद पटेल लगातार पांचवीं बार राज्यसभा में पहुंचने में सफल रहे।

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 कांग्रेस के राघवभाई पटेल और भोलाभाई गोहिल के वोट रद हो जाने के बाद 174 वोटों की गिनती हुई। पटेल को 44 वोट मिले। इससे पहले मतदान खत्म होने पर मतपत्र दिखाने वाले बागी विधायकों के वोट रद करने की मांग को लेकर कांग्रेस दिल्ली में चुनाव आयोग पहुंची थी। दो घंटे के अंतराल में तीन बार भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष अपने-अपने दावे पेश किए। भाजपा ने तत्काल गिनती शुरू कराने की मांग की तो कांग्रेस ने क्रास वोटिंग करने वाले अपने दो विधायकों के वोट रद करने की मांग की। तेजी से बदले घटनाक्रम में पूर्ण चुनाव आयोग बैठक कर मंथन में जुट गया। आयोग ने वीडियो फुटेज देखने के बाद कांग्रेस की मांग मान ली और दोनों बागियों के वोट रद कर वोटों की गिनती शुरू करने के आदेश दिए।

 गुजरात से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत सुनिश्चित थी, वहीं तीसरी सीट पर कांग्रेस के अहमद पटेल भंवर में फंसते दिख रहे थे। यूं तो पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि ऐन वक्त पर कांग्रेस के कुछ विधायक क्रास वोटिंग कर सकते हैं। फिर भी कांग्रेस के नेता आश्वस्त थे। पर मंगलवार की शाम वोटिंग के बाद कांग्रेस नेता चुनाव आयोग पहुंच गए। पी. चिदंबरम, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग का दरवाजा खटखटाया और हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि चुनाव में वोट दिखाया नहीं जाता है। ऐसा होने पर वोट अमान्य हो जाता है। चूंकि कांग्रेस के दो विधायकों के वोट दूसरों ने भी देख लिए हैं, इसलिए उनका वोट अमान्य किया जाए। जाहिर है कि कांग्रेस अपने विधायकों को क्रास वोटिंग करने से नहीं रोक सकी। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के जवाब में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने भी आयोग का दरवाजा खटखटाया और तत्काल वोटिंग शुरू करने की मांग की।

 हार की हताशा दिखा रही कांग्रेस : भाजपा

 भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, मुख्तार अब्बास नकवी, पीयूष गोयल, धर्मेद्र प्रधान जैसे नेताओं के प्रतिनिधिमंडल का तर्क अलग था। रविशंकर का कहना था कि कांग्रेस सुबह से चुप थी, लेकिन जब यह लगा कि हार सुनिश्चित है तो नतीजे को रोकने की कोशिश की गई। उन्होंने कांग्रेस की दलील को नकारते हुए कहा कि चुनाव में रिटर्निग ऑफिसर और पर्यवेक्षक ने कोई सवाल नहीं उठाए हैं। वोट मत पेटी में पड़ चुका है। ऐसे में दो वोट अमान्य करने की मांग केवल कांग्रेस की हताशा जताता है। रविशंकर ने कहा कि बार-बार चुनाव आयोग आकर कांग्रेस आयोग पर दबाव बढ़ाना चाहती है तो गलत है।


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