गुजरात सरकार ने किया मुआवजे का एलान, ड्राइवर सलीम को वीरता पुरस्कार
मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि देश ऐसी विचारधारा के आगे कभी नहीं झुकेगा।
सूरत, जागरण ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले में मारे गए सात अमरनाथ तीर्थयात्रियों के शवों को घायल लोगों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ वायुसेना के विमान में आज गुजरात के सूरत हवाई अड्डे पर लाया गया। आतंकवादी हमले की खबर मिलने के बाद सोमवार रात गुजरात में अलर्ट जारी कर दिया गया था। मारे गए ज्यादातर लोग गुजरात के ही हैं।
मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि देश ऐसी विचारधारा के आगे कभी नहीं झुकेगा। गुजरात सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजन के लिए 10 लाख रुपये और प्रत्येक घायल के लिए दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही यात्रियों की जान बचाने वाले ड्राइवर सलीम को राज्य सरकार वीरता पुरस्कार से सम्मानित भी करेगी।
आतंकी हमला कायराना हरकत: विजय रुपाणी
सूरत के हवाई अड्डे पर मार्मिक तस्वीरें देखने को मिली। हर कोई अपने प्रियजनों को रोते बिलखते मिल रहा था । कुछ को अपनो को खो देने का दुख था । दरसअल यह वह लोग थे जिन्होंने अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में अपनों को खो दिया । आतंकवादियों ने सोमवार रात को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ तीर्थयात्रियों की एक बस पर हमला कर दिया था जिसमें सात श्रद्धालु मारे गए और 19 अन्य लोग घायल हो गए। गुजरात सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजन के लिए 10 लाख रुपये और प्रत्येक घायल के लिए दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। शवों और घायल लोगों के हवाई अड्डे पहुंचने पर मुख्यमंत्री रूपानी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल सूरत पहुंचे और मृतकों को श्रद्धांजलि दी ।
मुख्यमंत्री रुपानी कहा की जरूरतमंदों को इलाज मुहैया कराया जाएगा। सरकार घायलों के इलाज का खर्च वहन करेगी। रूपानी ने इस हमले को कायर लोगों की करतूत बताया। उन्होंने कहा हम आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं। हमले में शहीद लोगों के प्रति सम्मान जताते हुए सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं जो आज होने थे।
बस चालक सलीम ने बचाई लोगों की जान, बस को सेना कैम्प तक पहुंचाया !
वहीं मुख्यमंत्री रूपानी ने आतंकी हमले में लोगों की जान बचाने वाले ड्राइवर सलीम को राज्य वीरता पुरस्कार से नवाजने का ऐलान भी किया । अमरनाथ यात्रा से लौट रही जिस बस पर आतंकियों ने हमला किया, उस बस को वलसाड के ही ड्राइवर सलीम शेख चला रहे थे । जब आतंकी हमला हुआ तब ड्राइवर सलीम ने सूझबूझ दिखाई और बस को जल्दी से जल्दी सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की कोशिश की। आतंकियों की फायरिंग के बीच सलीम बस चलाते रहे।
सलीम के परिवार को इस बात का दुख है कि वो सात लोगों की जान नहीं बचा सके और साथ में इस बात का गर्व भी है कि बस में सवार बाकी लोगों को वो सुरक्षित बचाकर आतंकियों के हमले से दूर ले जा सके । आतंकी हमला और भी बड़ा हो सकता था अगर बस ड्राइवर सलीम होशियारी न दिखाते. जब बस पर आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू की तब सलीम ने बस रोकी नहीं और बस के एक्सिलेटर को दबाते रहे। सलीम का कहना है कि जब यह घटना बनी टैब उनके दिमाक मैं सिर्फ यही बात चल रही थी कि यात्रियों से भरे बस को सुरक्षित सेना के केम्प तक पहुंचाया जाए । सलीम अगर अपनी सूझबूझ न दिखाते तो ये आतंकी हमला और भी बड़ा हो सकता था ।आपको बता दें इस बस में 56 यात्री सफर कर रहे थे । सलीम मिलिट्री कैंप तक बस को बिना रोके ले गए।
जान बचाने के लिए भगवान् का शुक्रिया !
अमरनाथ यात्रा जाने वालों सूरत की सुमित्रा बेन पटेल भी थी, आतंकी हमले में सुमित्रा बेन की भी मौत हो गई थी । सुमित्रा बेन का पार्थिव शरीर जब उनके घर पहुंचा तो उनके घर वालों का आक्रंद पड़ोसियों से देखा नही जा रहा था । आतंकी हमले में मरने वाली सुमित्रा बेन के परिवार में चार बेतिया है बेटा कोई नहीं है। सूरत में निकली सुमित्रा बेन की शव यात्रा में बेटियां भी शामिल हुयी थी। बुजुर्ग मां की मौत के बाद बेटियो का रो रो कर बुरा है।