सरदार प्रतिमा के पास आदिवासी सेनानियों का बनेगा म्यूजियम
सरदार सरोवर बांध के निचले क्षेत्र में नर्मदा नदी के बीच सरदार वल्लभभाई पटेल की यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। 1
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर सरदार सरोवर बांध केलोकार्पण के साथ यहां बन रही सरदार वल्लभभाई पटेल की 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटीÓ के निर्माण कार्य का अवलोकन किया। साथ ही उन्होंने कहा कि 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटीÓ के पास आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन पर डिजिटल म्यूजियम की आधारशिला भी रखी।
उन्होंने कहा कि भारत के पास अब तक दुनिया को दिखाने के लिए ताजमहल था, लेकिन आने वाले समय में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी व आदिवासी म्यूजियम देश-विदेश के सैलानियों के सबसे पसंदीदा स्थल होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश में अन्य स्थानों पर भी ऐसी ही म्यूजियम खोले जाएंगे।
सरदार सरोवर प्रोजेक्ट लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का स्वप्न था। इसके पूर्ण होने के बाद सरदार साहब के विराट व्यक्तित्व को उजागर करने तथा देश के एकीकरण में उनके योगदान को अक्षुण्ण बनाने के लिए स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण का एलान खुद मोदी ने वर्ष 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में किया था। 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटीÓ आने वाली पीढिय़ों को एकता की राह दिखलाएगी। सरदार सरोवर बांध के निचले क्षेत्र में नर्मदा नदी के बीच सरदार वल्लभभाई पटेल की यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा उसके आधार के साथ 240 मीटर की ऊंचाई हासिल कर लेगी।
सरदार सरोवर बांध के ठीक सामने 3.2 किलोमीटर दूर स्थित साधु बेट पर तैयार हो रही इस विराट प्रतिमा का पूरा ढांचा 20 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में तैयार हो रहा है। इसका अनुमानित खर्च 2181 करोड़ रुपये है। प्रतिमा का शिलान्यास 31 अक्टूबर, 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने किया था। इसका निर्माण लार्सन एंड टूब्रो ने 31 अक्टूबर 2014 को शुरू किया, जिसे 31 अक्टूबर 2018 तक पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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