गहलोत ने गुजरात में भी चलाया जादू , कांग्रेस की गुटबाजी खत्म
गुजरात में ढाई दशक से सत्ता से दूर कांग्रेस के लिए राहत की खबर यह है कि मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को लेकर चल रही रेस अब थम गई है।
अहमदाबाद। गुजरात में पिछले ढाई दशक से सत्ता से दूर कांग्रेस के लिए राहत की खबर यह है कि मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को लेकर चल रही रेस अब थम गई है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अशोक गहलोत ने दो टूक कहा कि कांग्रेस में ऐसी कोई परंपरा नहीं है तथा पार्टी पहले चुनाव तो जीते। वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी कहा कि टिकट वितरण में कोई सिफारिश नहीं चलेगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने गुजरात पहुंचते ही कुछ ऐसा जादू चलाया कि पार्टी में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर लंबे समय से चल रही खींचतान एक झटके में खत्म हो गई। नेता विपक्ष शंकरसिंह वाघेला ने प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी के नेतृत्व में चुनाव लडने का ऐलान भी कर दिया1 वाघेला ने कहा वे सीएम पद के दावेदार नहीं हैं, चुनाव सोलंकी के नेतृत्व में ही लडा जाऐगा। मंगलवार को ही वडोदरा में वाघेला समर्थकों ने एक होर्डिंग लगाया था जिस पर लिखा था, सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की मुख्यमंत्री तो वाघेला ही बनेंगे। इससे पहले भी वाघेला, सालंकी समर्थक अपने अपने नेता के सीएम प्रत्याशी की दावेदारी कर चुके थे।
गुजरात कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजकीय सचिव अहमद पटेल ने कहा कि पार्टी के पास चुनाव लडने के लिए धन नहीं है, इसलिए हर एक कार्यकर्ता से पांच सौ रुपए लेकर कांग्रेस चुनाव लडेगी। पटेल ने साफ कहा कि टिकट वितरण में किसी की सिफारिश नहीं चलेगी, चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी को ही टिकट मिलेगा। कांग्रेस प्रभारी गहलोत ने भी नेता व पदाधिकारियों को खरी खरी सुनाते हुए कहा कि कांग्रेस में सीएम उम्मीदवार की घोषणा की परंपरा नहीं है, गुजरात में कांग्रेस 22 साल से सत्ता में नहीं है। सीएम पद की दावेदारी को लेकर गहलोत ने नेताओं से कहा कि पहले चुनाव तो जीत लो। गहलोत को राजस्थान की राजनीति में जादूगर के रूप में भी पहचाना जाता है, उनके पिता पेशेवर जादूगर थे, गहलोत ने गुजरात पहुंचकर प्रदेश कांग्रेस में जो बदलाव किया वह भी किसी जादू से कम नहीं लगता।
बदल गया बैकग्राउण्डी
कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में मंच पर लगे विशाल बैनर का रंग पूरी तरह बदला नजर आया। पहले जहां अक्स्रर तिरंगा रंग का बैनर नजर आता था अब उसका डिजाइन व कलर बदल दिया। बैनर लाल, हरा, पीला व नीले रंग का नजर आया। हालांकि रंग का क्या संदेश है, कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन उस पर लगे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अहमद पटेल अशेाक गहलोत, शंकरसिंह वाघेला व भरतसिंह सोलंकी के चित्र सब कुछ कह देते हैं।
कांग्रेस ने चलाया सदस्यता अभियान
अहमदाबाद। गुजरात सरकार की सार्वजनिक इकाई जीएनएफसी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है1 कंपनी के नीम प्रोजेक्ट का प्रदर्शन प्रबंध निदेशक डॉ राजीव गुप्ता ने किया। एकमात्र नीम प्रोजेक्ट राज्य के 22 जिले व 4 हजार गांवों में चल रहा है जिससे तीन लाख महिला पुरुष जुडे हैं।
गुजरात नर्मदा वैली फर्टीलाइजर्स एंड केमिकल्स के प्रबंध निदेशक डॉ राजीव गुप्ता ने शिकागो युनिवर्सिटी में गुजरात सरकार की पीएसयू जीएनएफसी के नीम प्रोजेक्टस का प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय ने इस प्रोजेक्टस की जानकारी के लिए डॉ गुप्ता को आमंत्रित किया था1 युनिवर्सिटी के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीटयूट के कार्यकारी निदेशक सेम ऑरी ने डॉ गुप्ता को सम्मानित किया। दो साल में नीम प्रोजेक्ट् ने गुजरात के 22 जिले व 4 हजार गांवों में ढाई लाख महिलाओं को सीधे पारिवारिक आय बढाने का मौका दिया जिससे उनके जीवन स्तर में भी सुधार आया। इसके अलावा करीब 75 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष लाभ हुआ।