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गुजरात में भाजपा, कांग्रेस ने तेज की चुनावी तैयारियां

गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने लघु कार्यकाल में ही राज्य पर तेजी से पकड़ बना ली है। कांग्रेस ने विधायक का चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से बूथवार 15-15 कार्यकर्ताओं के समर्थन की शर्त रखी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 21 Oct 2016 02:54 AM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2016 03:03 AM (IST)
गुजरात में भाजपा, कांग्रेस ने तेज की चुनावी तैयारियां

अहमदाबाद, गांधीनगर [ शत्रुघ्न शर्मा ] । गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने लघु कार्यकाल में ही राज्य पर तेजी से पकड़ बना ली है। जनता से दूर रहने वाले भाजपा विधायकों को सीएम ने चेताते हुए कहा है कि वे घर बैठ सकते हैं। पार्टी नया प्रत्याशी तलाश लेगी। उधर कांग्रेस ने विधायक का चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से बूथवार 15-15 कार्यकर्ताओं के समर्थन की शर्त रखी है।

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गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की यात्रा के बाद दोनों ही दलों ने अपनी कमजोर कडि़यों को टटोलना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री रुपाणी ने भाजपा विधायकों की बैठक में जनता से जुड़े मुददे व जनसमस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सरकार व संगठन के कार्यक्रमों को जनता के बीच ले जाने की नसीहत दी। कुछ विधायकों की शिकायत थी कि उनके क्षेत्र के कार्यक्रमों में भाजपा कार्यकर्ता नहीं आते हैं। इस पर रूपाणी ने चुनाव नहीं लडने के इच्छुक विधायकों से कहा कि वे अपना नाम यहां लिखा दें। पार्टी दूसरा प्रत्याशी तलाश कर लेगी।

रुपाणी ने तल्ख लहजे में विधायकों से कहा कि कार्यकर्ताओं व जनता से दूरी बनाकर रखोगे तो कार्यकर्ता व पार्टी दोनों ही आपको घर बैठा देंगे।उधर, कांग्रेस के गुजरात प्रभारी गुरुदास कामत ने पार्टी उम्मीदवारों की सूची तैयार करने के लिए नेताओं से 21 अक्टूबर तक आवेदन जमा करने को कहा है। इससे पहले पार्टी 31 अक्टूबर को अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने वाली थी, लेकिन अंतर्कलह ने सूची को रुकवा दिया।

कांग्रेस मुख्यालय पर कुछ नेताओं का यह भी कहना था कि उम्मीदवार पहले घोषित करने पर अच्छे प्रत्याशियों को भाजपा तोड़ लेगी। पाटीदार आरक्षण आंदोलन, ऊना दलित कांड व ओबीसी एकता मंच के आंदोलन के बीच आम आदमी पार्टी ने भी प्रदेश में दस्तक देना शुरू कर दिया है।

सूरत में केजरीवाल की सभा के बाद भाजपा व कांग्रेस आप के आने के बाद के नफा नुकसान का आंकलन करने में जुट गए हैं। बहरहाल भाजपा आप का जोरदार विरोध कर रही है, जबकि आप के आने से कांग्रेस को नुकसान की आशंका हो ना हो, लेकिन लाभ की उम्मीद कम है।


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