बिल्किस बानो मुंबई हाईकोर्ट के फैसले से खुश
मुंबई हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए बिल्किस ने कहा कि 5 पुलिसकर्मी तथा डॉक्टर को सजा मिली ये मेरे लिए खुशी की बात है।
अहमदाबाद। सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बिल्किस बानो ने कहा कि न्याय पाने के लिए उन्हें दर दर भटकना पडा। मुंबई हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए बिल्किस ने कहा कि उन्हें देश के न्याय तंत्र पर भरोसा है। वहीं उनके वकील आर के शाह ने कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए महिला जज होना जरूरी नहीं है।
गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार हुई बिल्किस बानो ने अहमदाबाद में एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि दुष्कर्म के बाद उन्हें खूब तकलीफ उठानी पडी, लगातार धमकियां मिलती रहीं जिससे बीते 15 साल में उन्हें 20 बार घर बदलना पडा। बिल्किस ने गुजरात सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें न्याय के लिए कोई सहयोग नहीं मिला।
बिलकिस बानो बोलीं, मुझे न्याय चाहिए था, बदला नहीं...
मुंबई हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए बिल्किस ने कहा कि 5 पुलिसकर्मी तथा डॉक्टर को सजा मिली ये मेरे लिए खुशी की बात है। दुष्कर्म व न्याय के बीच के वर्षों में जिन लोगों ने भी साथ दिया उनका शुक्रिया जताते हुए बिल्किस ने कहा कि उन्हें लगातार तकलीफ उठाकर न्याय के लिए लडना पडा। वे यहां से वहां भटकती रहीं, उन्हेंत कई लोगों ने धमकाया लेकिन वे अपने निर्णय पर मजबूत रही जिससे आज दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा सका। बिल्किस के वकील आर के शाह ने कहा कि सरकारी वकील अच्छा् होना बहुत जरुरी है,, महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आवश्यवक नहीं है कि महिला जज ही हो लेकिन न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा बिल्किस का केस युनिक था, सामूहिक दुष्कर्म की बिल्किनस एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी थी। पुलिस ने आरोपियों को पकडने में लापरवाही बरती तथा कहते कि आरोपी मिलते नहीं। खुद बिल्कि्स को 22 दिन तक क्रॉस एक्जायमिन किया गया तथा 72 गवाहों की तलाश कर उनकी गवाही ली गई थी।
बिलकिस बानो केस में 11 आरोपियों की उम्रकैद की सजा बरकरार
ऑटो चालक की बेटी ने रचा इतिहास, 12वीं की परीक्षा में 99,71 पर्सेंटाइल
अहमदाबाद। गुजरात शिक्षा बोर्ड की बारहवीं साइन्स के परीक्षा परिणाम में एक ऑटो रिक्शा् चालक की पुत्री ने 99,71 फीसदी हासिल कर एक रिकार्ड कायम किया है। वहीं एक स्कूल के तीन दोस्तों को भी 99 प्रतिशत से अधिक फीसदी आए हैं।
जमालपुर में रहने वाले ऑटो चालक फारुख बवानी की पुत्री फरहाना बवानी ने 12वीं साइन्स में 99,71 फीसदी फीसदी हासिल किए हैं, हालांकि उनका परिणाम 91,7 प्रतिशत रहा है। फरहाना डॉक्टर बनना चाहती है लेकिन नीट की परीक्षा को लेकर नाराज है। एफडी सकूल की छात्रा फरहाना रोज 20 घंटे पढाई करती थी तथा उनके पिता भी उनकी खूब मदद करते थे। उधर कांकरिया दीवान बल्लूक भाई सकूल के तीन दोस्तश देवर्क परीख, शुभ देसाई तथा पुर्वन मेहता ने 99 प्रतिशत से अधिक फीसदी हासिल किया है। तीनों कक्षा केजी से साथ पढते आ रहे हैं तथा एक ही कक्षा व एक ही बेंच पर बैठते हैं तथा उनका परिणाम भी एक समान रहा है।