चाइल्ड प्लान के साथ कर में रियायत
आपको चाइल्ड प्लान के अलावा अन्य जीवन बीमा योजनाओं के प्रीमियम पर विचार करने की जरूरत है। साथ ही इस बात का ध्यान रखना होगा कि हरेक पॉलिसी में कटौती के योग्य प्रीमियम की अधिकतम राशि, कुल बीमित राशि का 10 फीसद है।
चाइल्ड इंश्योरेंस को आमतौर पर दीर्घकालिक निवेश का साधन माना जाता है। जीवन बीमा उत्पादों को खरीदने के लिए लोगों को प्रोत्साहित व प्रेरित करने और उन्हें वित्तीय सुरक्षा तंत्र का विस्तार करने के लिए सरकार इस प्रकार के निवेश पर करों में कुछ रियायत प्रदान करती है। इन रियायतों के संबंध में कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें आपके लिए जानना आवश्यक है।
प्रीमियम पर कर में कटौती
आयकर अधिनियम 1961 के तहत आप जीवन बीमा पॉलिसी की प्रीमियम राशि पर कर में कटौती के हकदार हैं। इस अधिनियम की धारा 80 सी के तहत यह सीमा 1.5 लाख रुपये सालाना है। इस धारा के तहत सभी तरह के निवेश योग्य हैं। इसका मतलब यह है कि आपको चाइल्ड प्लान के अलावा अन्य जीवन बीमा योजनाओं के प्रीमियम पर विचार करने की जरूरत है। साथ ही इस बात का ध्यान रखना होगा कि हरेक पॉलिसी में कटौती के योग्य प्रीमियम की अधिकतम राशि, कुल बीमित राशि का 10 फीसद है। परिपक्वता राशि के लिए कटौती आयकर अधिनियम की धारा 10 डी के तहत जीवन बीमा पॉलिसी की परिपक्वता राशि भी कर कटौती के योग्य है। अगर आपने जीवन बीमा योजना के कम से कम पहले पांच प्रीमियम का नियमित भुगतान किया है, तो पॉलिसी की परिपक्वता राशि से प्राप्त आय पर किसी भी कर के भुगतान की आवश्यकता नहीं है। पॉलिसी की अवधि पूर्ण होने के बाद मिलने वाली परिपक्वता राशि अथवा समय से पूर्व किए गए विदड्रॉअल आप कर योग्य आय में से पूरी तरह निकाल सकते हैं। पॉलिसी के तहत मौत की स्थिति में लाभार्थी, आमतौर पर पति, पत्नी अथवा बच्चे को मिलने वाला लाभ भी कर मुक्त है।
हेल्थ इंश्योरेंस के राइडर्स पर कटौती
अगर जीवन बीमा पॉलिसी के साथ हेल्थ इंश्योरेंस का राइडर भी जुड़ा है, जैसे कि चाइल्ड प्लान और इसके लिए अतिरिक्त राशि का भुगतान कर रहे हैं तो आप धारा 80 डी के तहत कर में छूट का दावा कर सकते हैं। एक वित्त वर्ष में कर में वार्षिक कटौती की सीमा अधिकतम 25000 रुपये निधारित की गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 30000 रुपये है।
रियायत खत्म होने से कैसे बचाएं
अगर पांच प्रीमियम का भुगतान करने से पहले ही पॉलिसी सरेंडर कर देते हैं तो प्रीमियम के भुगतान एवं प्राप्त आय कर में कटौती का लाभ प्राप्त करने के अयोग्य हो जाते हैं। इस प्रकार पॉलिसी के सरेंडर के बाद आपको मिलने वाली राशि को उस वर्ष में आपकी सालाना कर योग्य आय में जोड़ा जाता है। जब परिपक्वता राशि पर कर की बात आती है, तब आप धारा 10 डी के तहत छूट का लाभ उठा सकते हैं। परंतु इसके लिए आपकी पॉलिसी की बीमित राशि आपके वार्षिक प्रीमियम की राशि के दस गुना से कम नहीं होनी चाहिए।
- कार्तिक रमन, चीफ मार्केटिंग एंड स्ट्रैटेजिक ऑफिसर, आइडीबीआइ फेडरल लाइफ इंश्योरेंस