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जोखिम भरे हैं सेक्टोरल म्युचुअल फंड

निवेशकों को किसी खास सेक्टर के प्रदर्शन का लाभ देने के ख्याल से म्युचुअल फंड कंपनियों ने लगभग सभी तरह के सेक्टोरल फंड लांच किए हुए हैं। अधिक जोखिम वाले इन सेक्टोरल फंडों के एक साल का औसत प्रदर्शन निफ्टी और सेंसेक्स की तुलना में कहीं बेहतर रहा है। डाइवर्सिफायड इक्वि्

By Edited By: Published: Mon, 20 May 2013 01:16 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
जोखिम भरे हैं सेक्टोरल म्युचुअल फंड

निवेशकों को किसी खास सेक्टर के प्रदर्शन का लाभ देने के ख्याल से म्युचुअल फंड कंपनियों ने लगभग सभी तरह के सेक्टोरल फंड लांच किए हुए हैं। अधिक जोखिम वाले इन सेक्टोरल फंडों के एक साल का औसत प्रदर्शन निफ्टी और सेंसेक्स की तुलना में कहीं बेहतर रहा है। डाइवर्सिफायड इक्विटी फंडों का प्रदर्शन भी इस अवधि के दौरान सेक्टोरल फंडों से कहीं बुरा ही रहा है। पिछले एक साल की अवधि के दौरान विभिन्न फंडों के प्रदर्शन पर गौर फरमाएं तो सबसे अच्छा रिटर्न एफएमसीजी सेक्टर (36.17 प्रतिशत) ने दिया है। इसके बाद बैंकिंग और फार्मा सेक्टर ने क्रमश: 33.94 और 30.28 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। अब सवाल उठता है कि क्या इन फंडों के पिछले प्रदर्शन को देखते हुए इनमें आंखें मूंद कर निवेश करना ठीक रहेगा? क्या केवल पिछले प्रदर्शन को इन सेक्टर फंडों के निवेश का आधार बनाया जा सकता है? अपने निवेश पोर्टफोलियो में इन फंडों को कितनी जगह देनी चाहिए और इनके क्या नफा-नुकसान हैं।

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सेक्टर को समझते हैं, तभी निवेश बेहतर

लंबी अवधि में बाजार या डाइवर्सिफायड फंडों की तुलना में सेक्टोरल फंड बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इन फंडों का फोकस किसी एक सेक्टर पर होता है। यही वजह है कि इनमें जोखिम अधिक होता है। कुछ वर्ष पहले इंफ्रास्ट्रक्चर फंडों का बोलबाला था क्योंकि सरकार की नीतियां उस समय बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए अच्छी थीं। इसी प्रकार एक समय टेक फंड निवेशकों के चहेते थे, लेकिन बाद में इसमें निवेशकों को घाटा ही हुआ। अभी सेक्टोरल फंडों में सबसे बुरी स्थिति इंफ्रा और टेक यानी टेक्नोलॉजी फंडों की ही है। साल 2000 के दौरान आइटी सेक्टर में जबरदस्त तेजी थी और कुछ वषरें में ही इनका बुरा दौर शुरू हो गया। जो निवेशक तेजी के समय निकल गए, वे खुशकिस्मत रहे। कई निवेशकों को लंबे समय तक अपने निवेश की मूल राशि प्राप्त करने के लिए इंतजार करना पड़ा था। अर्थव्यवस्था के बढ़ने की रफ्तार और सरकारी नीतियों की वजह से कुछ सेक्टरों में अपेक्षाकृत अधिक तेजी देखी जाती है। जहां तक एफएमसीजी और फार्मा सेक्टर फंडों की बात है तो ये सुरक्षात्मक माने जाते हैं। अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले एफएमसीजी फंडों का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। इसमें निवेश करने वाले निवेशकों को लाभ भी सबसे बढि़या हुआ है।


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