Move to Jagran APP

अस्थिरता की गिरफ्त में रहेगा बाजार

शयर बाजार मे अगले हफ्ते भी अस्थिरता की गिरफ्त में रहने के आसार हैं। दरअसल, बाजार को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) के निवेश प्रवाह की भूमिका भी अहम होगी। हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह ब्याज दरें अभी कुछ

By Edited By: Published: Sun, 21 Sep 2014 11:38 PM (IST)Updated: Mon, 22 Sep 2014 05:21 AM (IST)
अस्थिरता की गिरफ्त में रहेगा बाजार

शयर बाजार मे अगले हफ्ते भी अस्थिरता की गिरफ्त में रहने के आसार हैं। दरअसल, बाजार को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) के निवेश प्रवाह की भूमिका भी अहम होगी।

loksabha election banner

हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह ब्याज दरें अभी कुछ दिनों तक नहीं बढ़ाएगा। अमेरिकी सरकार की तरफ से उद्योगों को मिले वित्तीय पैकेज की वापसी के बावजूद ब्याज दरें न बढ़ाने का फैसला शेयर बाजार पर असर डालेगा।

जहां तक घरेलू संस्थानगत निवेशकों का सवाल है तो अगस्त, 2014 के आंकड़े बताते हैं कि सितंबर, 2009 के बाद सबसे ज्यादा पैसा भारतीय बाजार में लगाया गया है। हमारा अनुमान है कि बीते कुछ माह की तेजी के बाद बाजार का सूचकांक मौजूदा स्तर के आसपास ही बना रहेगा। हालांकि सरकार लगातार अच्छा काम कर रही है। आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया जा रहा है, लेकिन इसका जमीनी फायदा पहुंचने में कुछ वक्त लगेगा।

अगर कोयला व लौह अयस्क जैसे क्षेत्रों की समस्याओं का जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो फिर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिशों को नुकसान पहुच सकता है।

बाजार के लिए कुछ खुशखबरी भी है। एक तरफ मानसून ने अपने अंतिम पड़ाव में पुरानी कमी की भरपायी काफी हद तक कर दी है। जून में सामान्य से 44 फीसद कम बारिश हुई थी लेकिन मौसम विभाग के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि यह कमी अब महज 10 फीसद की रह गई है।

इसी तरह से महंगाई के मोर्चे से भी अच्छी खबरें हैं। सितंबर में खाद्य उत्पादों के दामों में भी गिरावट का रुख रहा है। फलों व सब्जियों की कीमतों में 10 फीसद की गिरावट देखी गई है। जिंसों के दामों में भी सुधार के लक्षण दिख रहे हैं। वैसे महंगाई कम होने के बावजूद इसकी संभावना नहीं है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कोई कमी करेगा। केंद्रीय बैंक हर हाल में जनवरी, 2016 तक महंगाई की दर को छह फीसद

पर स्थिर रखने को लेकर गंभीर है। ऐसे में मेरा सुझाव है कि

निवेशक अच्छी कंपनियों के शेयरों में निवेश बनाए रखें।

संदीप पारवाल

एमडी, एसपीए कैपिटल्स

पढ़ें: शेयर बाजार: उठापटक में बरतें सावधानी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.