जीएसटी ने बढ़ाई बाजार की आस
घरेलू मोर्चे पर कई सकारात्मक कदम दिखने शुरू हुए हैं जिससे जीएसटी के पारित होने की संभावनाएं बढ़ी हैं।
बाजार के लिहाज से बीता सप्ताह काफी शानदार रहा। सूचकांक अच्छी खासी बढ़त के साथ बंद हुए। अगर येलेन के भाषण में बाजार के लिए कुछ अप्रिय नहीं हुआ तो मामूली उतार-चढ़ाव के बीच बाजार में बढ़त का यह क्रम जारी रह सकता है। इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही है कि अमेरिका के फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन ब्याज दरों में वृद्धि का कोई रोडमैप दे सकती हैं। हालांकि बीते दो हफ्ते से कम से कम एक बार दर में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
तेल की कीमतों में गिरावट का सिलसिला दोबारा शुरू होने का असर कंपनियों के नतीजों पर होगा। घरेलू मोर्चे पर कई सकारात्मक कदम दिखने शुरू हुए हैं जिससे जीएसटी के पारित होने की संभावनाएं बढ़ी हैं। ऐसा होता है
तो बाजारों में तेज बढ़त की उम्मीद बढ़ेगी। एनपीए की प्रोविजनिंग के चलते बैंकों पर दबाव अभी बने रहने की उम्मीद है। यह मुश्किल स्थिति है और आज की तारीख में यह भयावह तस्वीर भी पेश करती है। लेकिन हमारा
मानना है कि यदि रिकवरी की रफ्तार तेज रहती है तो अगली दो-तीन तिमाही में बैंकों की वित्तीय स्थिति में बदलाव दिख सकता है।
कॉपर कंपनियों के शेयर लंबी अवधि में अच्छे दिख रहे हैं क्योंकि 18 से 24 महीने की अवधि में आपूर्ति की स्थिति मांग के मुकाबले पलट सकती है। डीजल वाहनों के संबंध में नियमों का परिवर्तन होता है तो यह मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन निर्माताओं के लिए सकारात्मक हो सकता है।
जिन प्रमुख कंपनियों के नतीजे अगले सप्ताह जारी होने हैं उनमें टाटा मोटर्स, सन फार्मा, अरबिंदो फार्मा, बाटा, बर्जर और इप्का लैब शामिल हैं। मंगलवार को जीडीपी के आंकड़े जारी होंगे। अगर विकास दर साढ़े सात फीसद
से अधिक रही तो बाजार में रौनक आ सकती है। बुधवार को पीएमआइ और चालू खाता घाटा के आंकड़े जारी होंगे। शुक्रवार को कारखानों की रफ्तार दर्शाने वाले आइआइपी के आंकड़े आएंगे।
संदीप पारवाल
एमडी, एसपीए कैपिटल्स