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आदर्श पोर्टफोलियो बनाने के गुर

पैसा बनाने की प्रक्रिया अल्पकालिक हो सकती है लेकिन इसे बनने में समय लगता है। इसके लिए धैर्य के साथ जानकारी की आवश्यकता होती है यानि एक सशक्त पोर्टफोलियो तैयार करना पड़ता है।

By Monika minalEdited By: Published: Mon, 05 Sep 2016 11:46 AM (IST)Updated: Mon, 05 Sep 2016 12:10 PM (IST)
आदर्श पोर्टफोलियो बनाने के गुर

नई दिल्ली। वक्त के साथ पैसा बनाने के लिए स्टॉक मार्केट में निवेश एक विश्वसनीय तरीका हो सकता है। हालांकि कई ऐसे लोग हैं जो शेयर बाजार में निवेश से बचते हैं। उन्हें लगता है कि यह बेहद खतरनाक है। जबकि हकीकत यह है कि शेयरों में नियमित रूप से निवेश कर काफी कारगर तरीके से धन अर्जित किया जा सकता है। वैसे, इसके लिए आपको चतुराई से काम लेना होगा। स्टॉक मार्केट में निवेश के सबसे उपयुक्त तौर-तरीकों की जानकारी हासिल करनी होगी। याद रखिए, पैसा बनाने की प्रक्रिया भले ही अल्पकालिक हो, लेकिन पैसा बनने में लंबा समय लगता है। पूंजी के सृजन के लिए धैर्य के साथ जानकारी की आवश्यकता होती है। इसके लिए एक सशक्त पोर्टफोलियो तैयार करना पड़ता है। व्यक्तिगत निवेशक के तौर पर सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि अपने वैयक्तिक लक्ष्यों और रणनीतियों के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ असेट आवंटन किस तरह किया जाए। दूसरे शब्दों में आपका व्यक्तिगत विशिष्ट पोर्टफोलियो आपकी भविष्य की जरूरतों के साथ ऐसा होना चाहिए जिससे मन की शांति सुनिश्चित हो। यह जितना उनके लिए महत्वपूर्ण है जिनके पास एक दर्जन कंपनियां हैं, उतना ही उनके लिए भी जिनके पास महज सौ रुपये के शेयर हैं। यह सही है कि निश्चित अवधि में पर्याप्त रिटर्न देने वाले आदर्श अथवा मॉडल पोर्टफोलियो बनाने के लिए अनेक बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इनमें आयु के अलावा निवेश की अवधि, निवेश राशि तथा भविष्य में वांछित राशि आदि शामिल हैं। आम तौर पर ज्यादा जोखिम उठा सकने वाले लोग ज्यादा आक्रामक पोर्टफोलियो बनाने के लिए इक्विटी में अधिक और बांड तथा अन्य फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी में कम राशि का निवेश करते हैं।

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आदर्श पोर्टफोलियो कैसे बनाएं

इक्विटी आवंटन का सबसे ज्यादा कामयाब और लोकप्रिय अनुपात 100 में आयु को घटाकर प्राप्किया जाता है। उदाहरण के लिए यदि मेरी आयु 35 है तो किसी भी एक वक्त पर मेरा इक्विटी में मेरा निवेश 60-65 प्रतिशत होगा। दमदार पोर्टफोलियो बनाना व्यक्तिगत निवेशकों के लिए असंभव नहीं है। यह मुसीबत के वक्त आपके निवेश को सुरक्षित रखता है। इसलिए अपनी खोजबीन उन उद्योगों या सेक्टरों पर केंद्रित करें जिनमें आप निवेश करना चाहते हैं। जैसे कि एफएमसीजी, टेक्नोलॉजी, इलेट्रॉनिक्स, केमिकल्स आदि। सेक्टर का चुनाव करने के बाद आकार (मार्केट कैपिटलाइजेशन) तथा उसकी इक्विटी पर पूर्व में प्राप्त रिटर्न के रिकॉर्ड के अनुसार कंपनियों का चुनाव करें। इसके लिए आप उद्योग/सेक्टर, मार्केट कैपिटलाइजेशन तथा ग्रोथ अनुपात आदि को पैमाना बना सकते हैं। इस पड़ताल के आधार पर आप कंपनियों की एक सूची बना सकते हैं। गूगल के जरिये आपको निवेश अवसरों के बारे में तमाम जानकारियां मिल जाएंगी। इसके अलावा ऐसे अनेक टूल भी उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से किसी भी सेक्टर, कंपनी, उसके कैपिटलाइजेशन, स्थान, शेयरहोल्डिंग आदि के बारे में सारी सूचनाएं प्राप्त की जा सकती हैं। एक दशक पहले ये जानकारियां जुटाना कठिन था। लेकिन अब यह काफी आसान हो गया है।

पोर्टफोलियो रिटर्न को कैसे बढ़ाएं

इसके लिए मोटे तौर पर यह फार्मूला अपनाया जाता है : करीब 50 प्रतिशत निवेश ब्ल्यूचिप अथवा सुस्थापित कंपनियों में करें। इसके बाद बची रकम में से मिड-कैप कंपनियों के आगामी शेयरों में तथा शेष 25 प्रतिशत अपेक्षाकृत अनजान छोटी कंपनियों में लगाएं। हर स्टॉक में जोखिम को यथासंभव कम करने की कोशिश होनी चाहिए। हमेशा ऐसी कंपनियों के स्टॉक में पैसा लगाएं जिनका कैश-फ्लो पेबैक पीरियड कम हो। प्रत्येक कंपनी की वित्तीय स्थिति अथवा बैलेंसशीट ऐसी होनी चाहिए ताकि वह अनपेक्षित बदलावों से उत्पन्न होने वाले उच्च स्तरीय वित्तीय एवं ऑपरेटिंग विविधताओं का सामना कर सके।

पोर्टफोलियो बनाने की असली चुनौती होल्डिंग पीरियड में आय को अधिकतम बढ़ाने की है। एक निवेशक के तौर पर आपका लक्ष्य बस इतना होना चाहिए कि समझ में आने वाले किसी ऐसे व्यवसाय में तर्कसंगत मूल्य पर खरीदारी करें जिसकी आय में अगले पांच, 10 या 20 वर्षों में बढ़ोतरी लगभग तय हो। वक्त के साथ आपको पता चलेगा कि केवल चंद कंपनियां ही इन मानकों पर खरी उतरती हैं। इसलिए जब ऐसी कोई कंपनी निगाह में आए तो आप उसके पर्याप्त शेयर खरीद लें। यदि मंशा दीर्घकालिक शेयरों में है तो एक वक्त में आपके पास मार्केट कैपिटलाइजेशन, प्रॉफिट सीएजीआर, रिटर्न के मुकाबले निवेश में जोखिम आदि मानकों के आधार पर चुनी गई अधिकतम 5-10 कंपनियों के स्टॉक्स (प्रति कंपनी) ही होने चाहिए। निश्चिय ही विविधीकरण के लिए आप इससे ज्यादा कंपनियों के स्टॉक्स भी पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं। यदि चुनाव सही नहीं हुआ तो चाहे आप 15 या उससे भी ज्यादा कंपनियों के शेयर खरीद लें, परिणाम वही रहेगा।

महत्वपूर्ण पहलू

- करीब 50 प्रतिशत निवेश ब्ल्यूचिप या सुस्थापित कंपनियों में करें

- ऐसे स्टॉक में पैसा लगाएं जिनका कैश-फ्लो पेबैक पीरियड कम हो

- प्रत्येक कंपनी की वित्तीय स्थिति अथवा बैलेंसशीट को देखें

- आक्रामक पोर्टफोलियो बनाने के लिए इक्विटी में अधिक और बांड तथा अन्य फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी में कम राशि का निवेश करें

- आयु, निवेश की अवधि, निवेश राशि व भविष्य में वांछित राशि का ध्यान रखे

बी. गोपकुमार, सीईओ, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन, बिजनेस, रिलायंस कैपिटल


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