Move to Jagran APP

आपके लोन पर भी मिलते हैं टैक्स बेनिफिट, जानिए

क्या आप जानते हैं कि बैंक से लोन लेने पर दो तरह के फायदे मिलते हैं। पहला जरूरत के समय पैसा मिल जाता है और दूसरा टैक्स बेनिफिट मिलता है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jan 2017 04:14 PM (IST)
आपके लोन पर भी मिलते हैं टैक्स बेनिफिट, जानिए

loksabha election banner

नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि बैंक से लोन लेने पर दो तरह के फायदे मिलते हैं। पहला जरूरत के समय पैसा मिल जाता है और दूसरा टैक्स बेनिफिट मिलता है। लोन लेने पर तय ब्याज दर से इसे चुकाना होता है। मगर क्या आप जानते हैं कि आपकी ओर से लिए गए लोन पर आप टैक्स डिडक्शन का दावा भी सकते हैं। यह लोन की राशि किस उदेश्य से ली गई है उस पर निर्भर करता है। जागरण डॉट कॉम की टीम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से अपने पाठकों को विभिन्न लोन पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट के बारे में बताने जा रही है।

होम लोन-

आपको बात दें कि लोन की ईएमआई के दो भाग होते हैं- मूलधन (प्रिंसिपल) और ब्याज (इंटरेस्ट)। आप लोन के प्रिंसिपल रिपेमेंट और ब्याज के भुगतान पर टैक्स डिडक्शन की मांग कर सकते हैं। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के धारा 80 सी के तहत प्रिंसिपल रिपेमेंट पर और धारा 24 बी के तहत ब्याज रिपेमेंट राशि पर टैक्स कटौती क्लेम कर सकते हैं।

यदि आपने होम लोन घर खरीदने के उदेश्य से लिया है तो ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा घर के पजेशन मिलने पर निर्भर करता है। अगर लोन सेल्फ-ऑक्यूपाइड हाउस के लिए लिया है तो इसके लिए दो लाख रुपए तक की लिमिट तय है। घर किराए पर देने की स्थिति में ब्याज पर टैक्स कटौती क्लेम के लिए कोई लिमिट नहीं है।

एक बात का ध्यान रखें कि टैक्स बेनेफिट प्रॉपर्टी के पूरे होने पर ही क्लेम किया जा सकता है। निर्माणाधीन प्रॉपर्टी या अंडर डेवेलप्मेंट प्रॉपर्टी खरीदने पर तब तक डिडक्शन की मांग नहीं की जा सकती जब तक की प्रॉपर्टी पूर्ण रूप से निर्मित नहीं होती और आपको उसका पजेशन नहीं मिलता।

किन बातों का रखें खास ध्यान-

  • होम लोन की किसी भी ईएमआई देने से चूकने पर भुगतान किए गए ब्याज पर टैक्स बेनेफिट्स क्लेम किया जा सकता है। किसी भी वित्तीय वर्ष में यदि आप कुछ ईएमआई भरने से चूक जाते हैं तो पूरे साल के लिए उस ईएमआई पर भुगतान किए गए ब्याज पर टैक्स में छूट पा सकते हैं।
  • आपको बता दें कि अधिकांश टैक्सपेयर्स को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि लोन से संबंधित चार्जेस भी टैक्स छूट के दायरे में आते हैं। कानून के तहत इन चार्जेस को ब्याज की तरह माना जाता है, जिस वजह से इस पर छूट का दावा किया जा सकता है।
  • यदि 5 वर्ष से पहले घर बेच दिया जाता हैं तो मूलधन पर टैक्स बेनेफिट्स की पॉलिसी उलट जाती है। होम लोन लेकर घर खरीदना, निर्माण करना या फिर 5 वर्ष से पूर्व घर बेच देते हैं तो सभी बेनेफिट्स खत्म हो जाते हैं।
  • अगर घर निर्माण करने या फिर खरीदने के लिए बैंक के अलावा अपने दोस्तों या रिश्तेदारों से लोन लिया है तो लोन पर ब्याज अदायगी के समय धारा 24 के तहत टैक्स छूट की मांग की जा सकती है।
  • प्रॉपर्टी का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर होम लोन बेनेफिट्स पर क्लेम किया जा सकता है। अगर निर्माण के वक्त या पजेशन पाने से पहले EMI भरी हैं तो प्रिंसिपल रिपेमेंट पर क्लेम नहीं कर सकते, लेकिन इस दौरान भुगतान किए गए ब्याज पर क्लेम कर सकते हैं और यह आगे एडजस्ट हो सकता है।
  • अगर आप को-बॉरोअर हैं तो आप टैक्स में छूट हासिल नहीं कर सकते। यदि घर आपके माता-पिता ने खरीदा है और होम लोन की EMI आप भरते हैं तो भी आप टैक्स में छूट के हकदार नहीं हैं। अगर आप अपनी पत्नी के साथ घर खरीदते हैं, मगर आपका नाम लोन बुक में को-बॉरोअर के तौर पर स्पष्ट नहीं किया गया है, तो आप टैक्स में छूट क्लेम नहीं कर सकते हैं।

पर्सनल लोन-

यदि आप घर खरीदने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं तो टैक्स बेनेफिट के लिए क्लेम कर सकते हैं। टैक्स कानून केवल लोन के उद्देश्य और किस काम के लिए खर्च किया जा रहा उस पर गौर करता है। मसलन, जो टैक्स कानून होम लोन पर लागू होते हैं वहीं कानून पर्सनल लोन पर भी लागू होगा, जो घर खरीदने के लिए लिया जाएगा। इसमें डाउन पेमेंट की राशि शामिल होती है। होम लोन की ही तरह इसमें भी धारा 80 सी के तहत प्रिंसिपल रिपेमेंट पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं और धारा 24 बी के तहत ब्याज रिपेमेंट राशि पर। प्रमाण पत्र के रुप में इंटरेस्ट पेमेंट सर्टिफिकेट और बैंक स्टेटमेंट जरूरी होता है।

एजुकेशन लोन-

धारा 80ई के तहत उच्च शिक्षा के लिए अगर लोन लिया है तो ब्याज के रिपेमेंट पर टैक्स कटौती की मांग की जा सकती है। लोन स्वयं, पत्नी और बच्चों के लिए लिया जा सकता है। यह बैंक, वित्तीय संस्थान या किसी मान्यता प्राप्त चैरिटेबल संस्थान से लिया जा सकता है। एक बात का ध्यान रखें कि होम लोन या पर्सनल लोन घर खरीदने के लिए लिया है तो इस पर टैक्स कटौती की मांग की जा सकती है, मगर एजुकेशन लोन की स्थिति में प्रिंसिपल रिपेमेंट पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है। मगर एजुकेशन लोन पर आप जो ब्याज देना होता है उसपर टैक्स बेनेफिट प्राप्त कर सकते हैं, ये टैक्स बेनेफिट लोन शुरू होने के पहले आठ वर्ष या फिर ब्याज अदायगी पूरी होने पर, जो भी दोनों में से पहले हो, उसपर दिया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.