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...तो इस कारण हर साल मनाया जाता है भाई दूज का त्योहार

शास्त्रों के अनुसार सूर्य की संज्ञा से दो संतानें थीं एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर पाने के कारण अपनी छायामूर्ति का निर्माण कर उसे ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Tue, 01 Nov 2016 08:22 AM (IST)Updated: Tue, 01 Nov 2016 08:43 AM (IST)
...तो इस कारण हर साल मनाया जाता है भाई दूज का त्योहार

दिवाली के एक दिन बाद हर साल भाई दूज मनाया जाता है। भाई-बहन के प्यार का ये त्योहार आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। , लेकिन क्या आप जानते है क्यों मनाया जाता है भाईदूज का ये त्योहार। आइए आज हम आपको बताते हैं इसके बारे में....

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शास्त्रों के अनुसार सूर्य की संज्ञा से दो संतानें थीं एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर पाने के कारण अपनी छायामूर्ति का निर्माण कर उसे ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई। छाया को यम और यमुना से किसी प्रकार का लगाव न था, लेकिन यम और यमुना में बहुत प्रेम था।

यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्यार करते थे, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए मिलने चले गए। यमुना अपने भाई को देख खुश हो गईं। भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया।


बहन का प्यार देखकर यमराज इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे भेंट दिए। यम जब बहन से मिलने के बाद विदा लेने लगे तो बहन यमुना से कोई भी अपनी इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा। यमुना ने उनके इस आग्रह को सुन कहा कि अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएं और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे। कहा जाता है इसी के बाद हर साल भाईदूज का त्योहार मनाया जाता है।

भाई दूज पूजा इसदिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य व उनकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं। यदि तिथि के मुताबिक देखें तो यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को पड़ता है। इसदिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। इस साल यह त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा। भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस साल भैया दूज के त्योहार के लिए शुभ मुहूर्त क्या है हम आपको बता रहे हैं।

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