शुभ दिन आयो रे..
नवरात्र के साथ ही अब शुरू होंगे शुभ काम, सो शहर की अधिसंख्य महिलाएं जुट गई हैं गृह प्रवेश, खरीददारी और शादी की तैयारियों में...
सिविल लाइंस की नमिता के इंतजार की घड़ी समाप्त हो रही है। इस सप्ताह उनकी बेटी की रिंग सेरेमनी है। उन्होंने बेटी के रिश्ते की बात तो कई माह पहले की थी लेकिन इंतजार था शुभ मुहूर्त का जो नवरात्र में निकला है। आर. के. नगर के प्रशांत सिंह नए घर में बसेरा बनाने को तैयार हैं। उनका नया आशियाना दो माह पूर्व स्वागत के लिए तैयार था लेकिन उन्हें इंतजार था नवरात्र का। यह हाल किसी एक का नहीं, बल्कि अधिसंख्य लोगों का है। नवरात्र की शुरुआत में अच्छे कार्य शुरू करने को लेकर हलचल तेज हो गई है। फ्लैट, कार, ज्वेलरी से लेकर टीवी, फ्रिज और कपड़ों की खरीददारी और बुकिंग जोरों पर है।
शॉपिंग का सिलसिला
महंगाई भले ही आसमान छू रही हो लेकिन मॉल, मार्केट, कार बाजार और ज्वेलरी शॉप्स में फिर रौनक लौटी है। बिरहाना रोड स्थित केज ज्वैलर्स की विजया कपूर कहती हैं, 'नवरात्र से ही दशहरा, दीपावली, करवाचौथ के लिए
गहनों की शॉपिंग शुरू हो जाती है। यहां तक कि लोग शादी के गहनों की भी बुकिंग शुरू कर देते हैं। नवंबर महीने से शादियां शुरू हैं, इसलिए इन दिनों ज्वेलरी की बुकिंग व खरीद का बाजार गर्म होना तय है।' बेटी की शादी के लिए खरीददारी की सूची बना रहीं साकेत नगर की गृहिणी नंदिनी श्रीवास्तव कहती हैं, 'बेटी की शादी तय हो गई है। नवरात्र में गोदभराई की रस्म है। उसी की खरीददारी का बजट बन रहा है। सामान महंगा हो या सस्ता, खरीददारी तो करनी ही है। भला नवरात्र से बड़ा मुहूर्त और कौन सा हो सकता है?
मैं तो इन्हीं दिनों में कपड़े से लेकर बर्तन और इलेक्ट्रानिक उपकरण तक खरीदती हूं।'
गृह प्रवेश का दौर
प्रापर्टी डीलर विनय सिंह बताते हैं, 'नवरात्र में कोई नई प्रॉपर्टी का सौदा करने की तैयारी कर रहा है तो कोई लंबित पड़े सौदे का निबटारा करने की योजना बनाकर मालिकाना हक लेने को तैयार है। नवरात्र से प्रॉपर्टी का काम फिर तेजी पकड़ेगा। अभी तक लोग एग्रीमेंट अधिक करा रहे थे। अब शुरू होगा रजिस्ट्री कराने का सिलसिला। लोग नए घर में गृहप्रवेश की रस्म भी नवरात्र या इसके बाद तक पूरी करेंगे। क्योंकि नवरात्र से हर अच्छे काम की शुरुआत हो जाती है।'
जप-पाठ के दिन
पंडित राजकुमार दीक्षित कहते हैं, 'लोग खरीद -फरोख्त के साथ ही हर नए काम की शुरुआत को नवरात्र में प्राथमिकता देते हैं। इन दिनों कहीं गोदभराई की रस्म करानी होती है तो कहीं गृह प्रवेश। नवरात्र के बाद से शादियों की शुरुआत होगी और इसके बाद त्योहार। नवरात्र में कर्मकांड के एक दिन में तीन से चार काम हर दिन करने होते हैं। आज से लेकर नवमी तक कोई देवीजी के पाठ कराएगा तो किसी के यहां हवन और जप का कार्यक्रम चलेगा।'
लालजी बाजपेयी
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